बिलासपुर । विधानसभा चुनाव में हुए सत्ता परिवर्तन के बाद सत्ता से बेदखल हुए भाजपा समेत तमाम पार्टियां महीनों तक हार के सदमे से उबर नही पाई है वही विधान सभा चुनाव में पहली बार प्रदर्शन कर आधा दर्जन सीट के साथ विधानसभा में पहुंची छजकां को भी आंदोलन के लिए आगे आने में 17 माह लग गए । शुक्रवार को पार्टी के विधायक धर्मजीत सिह के नेतृत्व में छजकां कार्यकर्ताओं ने एसईसीएल मुख्यालय के सामने प्रदर्शन किया और ज्ञापन सौंपा ।
रैली को विधायक धर्मजीत सिंह ने सम्बोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ का कोयला प्रदेश के बाहर के राज्यों को बेचा जा रहा है। प्रदेश के कैपटिव पावर प्लांट या तो बंद होने की कगार पर है अथवा उनकी उत्पादन क्षमता में कमी आई है। जहां भी कोयला का उत्खनन किया गया है। उस क्षेत्र में हाथियों का प्रकोप भी बड़ा है ।किसानों की फसल बर्बाद हुई है। सैकड़ो लोग मारे गए है।जंगल का सिस्टम बिगड़ा है । एस ई सी एल किसी की मदद नही कर रहा ।
विधायक धर्मजीत सिह ने यह भी कहा प्रदेश का कोयला उत्खनन तो किया जा रहा है लेकिन एसईसीएल की तरफ से और आधारभूत संरचना निर्माण में कोई मदद नहीं मिल रहा है। बिलासपुर में हवाई अड्डे की मांग पिछले 4 महीने से अधिक समय से की जा रही है। यदि एसईसीएल कदम उठाए तो ना केवल एयरपोर्ट बन जाएगा बल्कि अन्य समस्याएं भी हल हो जाएंगी ।
धर्मजीत सिंह ने कहा कि मैंने अपनी बातों को सदन में भी उठाया है और आज सड़क पर धरना दे रहा हूं ।इसके बाद भी जनता की आवाज को गंभीरता से नहीं लिया गया तो आगे की आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी ।इसके बाद एसी में बैठने वालों को पता चलेगा कि किसानों की पसीने की कीमत क्या होती है। एस ईसीएल प्रबंधन को सौंपे ज्ञापन में छजकां ने चेतावनी दी है कि उनकी मांगों पर सार्थक निर्णय नही लिया जाता है तो आगे बड़ा आंदोलन किया जाएगा ।
आंदोलन में छजकां नेता समीर अहमद बबला ,अविनाश सेट्ठी गोविंद सेट्ठी , गोपाल यादव , ज्ञानेंद्र उपाध्याय , विशम्भर गुलहरे समेत बड़ी संख्या में युवा ग्रामीण महिलाएं व पुरुष शामिल थे ।