बिलासपुर । कोरोनो वायरस की भयावहता को देखते हुए केंद्र सरकार और प्रधान मंत्री ने पूरे देश मे 21 दिन का जनता कर्फ्यू और लॉक डाउन घोषित किया है । लोग घरों में बंद है और सड़कों पर पुलिस तैनात है । शासन उस हर चीज से लोगो को बचने के लिए ताकीद कर रही है जिससे कोरोना के फैलने का खतरा है । गांव शहर सब सुना है । घरों के दरवाजे बंद है सारे कामकाज ठप्प है दुकानें और दफ्तर बंद है ।सवाल यह उठता है कि क्या जानवरो के संक्रमण से कोरोना वायरस के फैलने की संभावना नही है? और यदि नही भी हो तो क्या सावधानी नही बरती जानी चाहिए ? यह ज्वलन्त सवाल इसलिए उठ रहा है कि निगम प्रशासन ने गायों की डेयरी को शहर से बाहर कर गोकुल धाम घुरु अमेरी में शिफ्ट कर दिया है और घोड़ो के अस्तबल को शहर में ही रहने की अनुमति दे रखी है । अनुमति इसलिए कि बिना जानकारी के शहर के अंदर भला कोई अस्तबल कैसे संचालित हो सकता है । राजेन्द्र नगर में संचालित अस्तबल में दर्जन भर से ज्यादा घोड़े है जो संक्रमण को आ बला पकड़ गला की तर्ज पर आमंत्रण दे रहा है ।पूरा राजेन्द्र नगर इससे पीड़ित हो सकता है । बेहतर होता घोड़ो के मालिक और अस्तबल संचालक को शहर के बाहर अस्तबल संचालन का निर्देश दिया जाता और जरूरत पड़े तो अस्तबल के लिए शहर के बाहर सरकारी जमीन लीज पर आबंटित कर दिया जाता ।
कोरोना वायरस वैश्विक महामारी का रूप ले लिया है और 190 से ज्यादा देश इससे बुरी तरह प्रभावित है ,हजारों की जाने जा चुकी है । छत्तीसगढ़ और बिलासपुर में भी काफी सतर्कता और सावधानी बरती जा रही फिर भी लोग भयभीत है और सतर्कता तथा सावधानी के लिए जागरूक भी किया जा रहा है मगर यह विडंबना है कि निगम प्रशासन शहर के डेयरियों को बाहर शिफ्ट करने गोकुल डेयरी बसा दिया ताकि गायें शहर में न रहे और लावारिस तथा सड़को पर घूमने वाले गायों व बछड़ो तथा सांड को समय समय पर हकाल कर काउकेचर से कांजी हाउस पहुचा दिया जाता है मगर शहर के राजेन्द्र नगर में अस्तबल में दर्जन भर से ज्यादा घोड़ो को रखकर घोड़ो का उपयोग शादी ब्याह के अवसर पर किया जाता है ।घोड़ो में खतरनाक संक्रामक बीमारी फैलती है मगर नगर निगम के अधिकारी घोड़ो व उसके अस्तबल को अभयदान दे दिए है ।घोड़ो से किस तरह की संक्रामक बीमारी फैलती है उसके बारे में एक समाचार पत्र में छपी खबर का अवलोकन कर लें तो स्थिति स्पष्ट हो जाएगी ।चूंकि कोरोना वायरस का भय चारो तरफ फैला हुआ है इसलिए निगम अमले को तो सावधानी बरतनी ही चाहिए और ऐसे तमाम वजह पर विचार करके कड़ाई पूर्वक कार्रवाई करनी चाहिए ।शहर के राजेन्द्र नगर में शादी ब्याह के अवसर पर घोड़े व रथ किराए पर मुहैया कराने वर्षों से घोड़े पाले जा रहै है । घोड़े भी एक दो नही बल्कि दर्जन भर से ऊपर है उनके लिए अस्तबल की व्यवस्था है ।यह व्यवसाय कुछ वर्षों के भीतर ज्यादा फैला है । इसका प्रमाण राजेन्द्र नगर में सड़क किनारे खड़े शादी रथों से मिलता है । सड़क किनारे घोड़े भी बांध दिए जाते है । घोड़ो में फैलने वाला संक्रामक बीमारी मनुष्यो के लिए जानलेवा होता है ।पूर्ववर्ति भाजपा शासन काल मे इस पर कोई कार्रवाई नही हो पाई क्योकि तब मंत्री का निवास राजेन्द्र नगर में ही था ।अब जबकि कोरोना वायरस की भयावहता से सारेलोग भयभीत है ऐसे में घोड़ो में भी यदि कोई संक्रमण फैलता तो स्थिति और भी भयावह हो सकती है । इसलिए एहतियात के तौर पर नगर निगम को तत्काल कार्रवाई कर घोड़ो को शहर के बाहर रखने व पालने का आदेश घोड़ो के मालिक को देनी चाहिये । गर यदि घोड़ो के संक्रमण से कोई बीमारी फैलती है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा ? गाय तो दूध देती है उसके लिए गोकुल धाम बनवा दिया गया मगर शहर के अंदर अस्तबल और घोड़ों की मौजूदगी उसके बाद भी निगम चैन की नींद सोए यह जरूर अटपटा लगता है । जिला प्रशासन और प्रदेश सरकार के नुमाइंदों को इस ओर तत्काल ध्यान देना चाहिए ।