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November 21, 2024 10:40 am

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लॉक डाउन 30 अप्रेल तक बढ़ाने प्रधान मंत्री मोदी आज रात देश को सम्बोधित कर सकते है ,छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अनुरोध पर भी सकारात्मक घोषणा की पूरी उम्मीद

कोरोना वायरस के देशव्यापी संकट और लॉक डाउन के नतीजे और अभी तक के परिणामो व ताजे हालात पर राज्यो के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के द्वारा चर्चा और सुझाव लेने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 अप्रेल तक लॉक डाउन की समयसीमा को 30 अप्रेल तक बढ़ाने की घोषणा करने के लिए आज रात देश को सम्बोधित कर सकते है । वैसे भी अधिकांश राज्यो के मुख्यमंत्री लॉक डाउन की समय सीमा बढ़ाने के पक्ष में है क्योंकि वे कोई भी रिस्क लेना नही चाहते लेकिन श्री मोदी को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जिस तार्किक ढंग से लॉक डाउन की समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध किया उस पर भी गौर करते हुए श्री मोदी अपने संदेश मे न केवल प्रमुखता से उल्लेख करेंगे बल्कि मुख्यमंत्री द्वारा चाहे गए छूट और मदद पर भी घोंषणा करेंगे ऐसी पूरी संभावना है ।

कोरोना वायरस से देश के ताजे हालात पर राय जानने और लॉक डाउन की समय सीमा को आगे बढाने के लिए प्रधानमंत्री ने राज्यो के मुख्यमंत्रियों से आज बात की ।छत्तीस गढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री को जो सुझाव दिए उसका मजनुन इस तरह है :-

देश में वर्तमान में अंतर्राज्यीय सड़क, वायु, रेल सुविधाओं पर प्रतिबंध जारी रखने दिया सुझाव
0 संकट के समय एमएसएमई सेक्टर को बचाने के लिए केन्द्र सरकार से आर्थिक पैकेज की मांग
0 कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए अधिक से अधिक सेम्पल लिए जाने और परीक्षण की आवश्यक

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह किया है कि लाॅकडाउन की स्थिति में राज्यों के अंदर आर्थिक गतिविधियां चलाने की अनुमति मिलनी चाहिए। इसी प्रकार उन्होंने संकट के समय एमएसएमई सेक्टर को बचाने के लिए केन्द्र सरकार से आर्थिक पैकेज की मांग के साथ ही कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए अधिक से अधिक सेम्पल लिए जाने और वर्तमान में कोरोना संकट को देखते हुए अंतर्राज्यीय सड़क, वायु, रेल सुविधाओं पर प्रतिबंध जारी रखने का सुझाव दिया। श्री बघेल ने प्रधानमंत्री द्वारा कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति की समीक्षा के लिए सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ की गई वीडियो कांफ्रेंसिंग में यह सुझाव दिए।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने प्रधानमंत्री से यह भी आग्रह किया कि पीपीई किट की संख्या में वृद्धि और परीक्षण की सुविधा भी बढ़ायी जानी चाहिए। उन्होंने केन्द्रीय विश्वविद्यालय की परीक्षाएं स्थगित रखी जाए या आॅन लाइन लिए जाने का सुझाव भी दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा परीक्षण किट की खरीदी के लिए तय की गई गाइडलाइन में स्पष्ट निर्देश नहीं होने से संशय की स्थिति बनी हुई है। इस संबंध में स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि राज्य में एमएसएमई सेक्टर द्वारा लगातार आर्थिक पैकेज की मांग की जा रही है। लाॅकडाउन की लंबी अवधि के कारण लोगों को सर्वाधिक रोजगार उपलब्ध कराने वाले इस महत्वपूर्ण सेक्टर का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। उन्होंने इन उद्योगों को बचाने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा शीघ्र आर्थिक पैकेज दिए जाने की घोषणा करने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य में देश में सर्वप्रथम 21 मार्च से लाकडाउन लागू किया गया। लाॅकडाउन का कड़ाई से पालन होने के कारण यहां बेहतर स्थिति है। राज्य में कोरोना संक्रमण के कुल 18 व्यक्ति संक्रमित पाए गए हैं। इनमें अब तक 10 स्वस्थ्य हो चुके हैं। शेष 8 मरीजों की हालत सामान्य है। तबलीगी जमात के 7 सदस्य कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए। इन सभी को एम्स रायपुर में भर्ती कराया गया है, उनकी हालत भी सामान्य है। राज्य में अब तक किसी भी व्यक्ति की कोरोना वायरस संक्रमण से मृत्यु नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि राज्य के 28 जिलों में केवल 5 जिलों से ही कोरोना संक्रमण के मरीज पाए गए हैं। शेष 23 जिलों में संक्रमित व्यक्ति नहीं मिलेे हैं। प्रदेश में अब तक 3,473 सेम्पल लिए गए हैं। प्रतिदिन औसत 135 सेम्पल लिए जा रहे हैं। जो अत्यंत कम हैं। कम परीक्षण होने के कारण यह निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता कि वास्तव में कोविड-19 वायरस की स्थिति नियंत्रण में है अथवा नहीं। प्रतिदिन 3 से 5 हजार सेम्पल लेने की आवश्यकता है। इस संबंध में पूर्व में भी अनुरोध किया गया है।
मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग में बताया कि राज्य में तबलीगी जमात के 107 सदस्यों को क्वारेंटाइन में रखा गया है। इनमें से एक सदस्य का इलाज चल रहा है, कल ही उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य की सीमा में हजारों लोग फंसे हैं। उन्हें अभी राज्य की सीमा के बाहर ही क्वारेंटाइन करके रखा गया है। लेकिन इन लोगों को काफी परेशानी हो रही है। इनमें कई यात्री और परिवार के लोग भी हैं जो अपने घरों में जाना चाहते हैं। इस संबंध में दिशा-निर्देश की अपेक्षा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में 56 लाख परिवारों में से 47 लाख गरीब परिवारों को दो माह का एक मुश्त राशन निःशुल्क दिया गया है इसके अलावा, शक्कर, नमक का वितरण किया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य में बाजार बंद हैं जिससे वनोपज की खरीदी-बिक्री नहीं हो पा रही है। अनुसूचित क्षेत्रों में लघु वनोपज महुआ, इमली के संग्रहण और खरीदी का कार्य वन समितियों के माध्यम से चल रहा है। इस प्रकार की गतिविधियों के संचालन के लिए राज्यों को अनुमति मिलनी चाहिए। प्रदेश में ढ़ाई लाख परिवारों को प्रतिदिन भोजन कराया जा रहा है। 77 हजार लोगों को क्वारेंटाइन में रखा गया है। राज्य की सीमाओं में 10 हजार लोगों को क्वारेंटाइन में रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने कोरोना संकट के दौरान मरीजों की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए सड़क, वायु और रेल के माध्यम से अंतर्राज्यीय आवागमन सुविधाओं पर प्रतिबंध जारी रखने का सुझाव दिया। उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या और उनकी स्थिति को देखते हुए राज्य में आर्थिक गतिविधियों में छूट दी जाय अथवा नहीं, यह निर्णय लेने का अधिकार राज्यों को दिया जाना उचित होगा। वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए निश्चित रूप से आर्थिक संकट का सामना करना पड़ेगा। आवश्यकता के अनुरूप कार्य योजना बनानी पड़ेगी। जिससे भयंकर आथिक संकट से अपने प्रदेश को उबारा जा सके।
इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, स्वास्थ्य सचिव श्रीमती निहारिका बारिक सिंह, खाद्य सचिव कमलप्रीत सिंह उपस्थित थे।


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