नईदिल्ली। कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे से एक तरफ जहां लोगों को भारी नुकसान हो रहा है, वहीं कुछ लोगों को अनजाने में ही सही इसका फायदा भी मिल रहा है। ऐसा ही एक मामला रोहिणी जिला अदालत में उस वक्त देखने को मिला जब हत्या के प्रयास के एक आरोपी ने अदालत में अंतरिम जमानत के लिए याचिका दायर की। याचिका में कहा गया कि उसे पत्नी के इलाज के लिए एक महीने की अंतरिम जमानत दी जाए। अदालत ने आरोपी को एक महीने की बजाय डेढ़ महीने के लिए जमानत पर रिहा कर दिया।
फ़रोहिणी स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अजय पांडे की अदालत में आरोपी के वकील ने जमानत याचिका दायर की थी। अदालत ने इस मामले में टेलीफोन पर बचाव पक्ष को सुनने के बाद उन्हें नए सिरे से जमानत याचिका दायर करने को कहा। दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट के आदेशानुसार इस समय जेलों के भार को कम करने के लिए कम से कम डेढ़ और अधिकतम दो महीने की अंतरिम जमानत देने के नियम का पालन किया जा रहा है। इसे देखते हुए नए सिरे से दायर अंतरिम जमानत याचिका में डेढ़ महीने की जमानत मांगी गई।
पत्नी की मेडिकल रिपोर्ट ली : इस मामले में बचाव पक्ष ने आरोपी की पत्नी की बीमारी संबंधी दस्तावेज लगाए थे। अदालती प्रक्रिया को देख रहे प्रशासनिक अधिकारी को तथ्यों की सत्यता परखने को कहा गया। अधिकारी ने एक नामी अस्पताल के चिकित्सा संबंधी दस्तावेजों में उल्लेखित डॉक्टर के नंबर पर फोन कर आरोपी की पत्नी की बीमारी को लेकर सत्यापन किया। डॉक्टर ने महिला के बीमार होने की पुष्टि की। इसके बाद अदालत ने आरोपी को निजी मुचलके पर रिहा करने के आदेश दिए।
पुलिसकर्मी पर हमला करने का आरोप
इस मामले में आरोपी को बीती 28 मार्च को समयपुर इलाके से गिरफ्तार किया गया था। उस पर आरोप था कि उसने कथिततौर पर एक पुलिसकर्मी की वर्दी फाड़ी थी। इस दौरान हवा में फायरिंग भी हुई थी। हालांकि किसी को शारीरिक क्षति नहीं हुई थी। आरोपी पर हत्या के प्रयास समेत अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज किया गया था। अदालत ने कहा कि फिलहाल आरोपी की जरूरत उसके परिवार को है। लिहाजा उसे अंतरिम जमानत पर रिहा किया जा रहा है।
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