*शहर भर में ले रहे दान और बांट ऐसे रहे मानो अपने घर से दे रहे
*ऑडियो क्लिप में अधिकारी कह रहे हैं हितग्राही से कि पहले तौलवा तो लेते फिर शिकायत करते और हितग्राही ने तौलवा लिया तो उसे धमका रहे .. मुफ्त के चावल को भी तुम लोग तौलवा कर देख रहे हो….
जरूरतमंद महिला को फोन पर धमकाने के साथ ही निगम का अमला जिस तरह व्यवहार कर रहा है उससे तो चावल वितरण में बड़ी धांधली की आशंका ,बोला ऐसे जा रहा कि दोषी पाए जाने पर मानो जेल भिजवा देगा ।
बिलासपुर । लॉक डाउन के चलते शहर के जरूरतमंद और गरीबों तक शहर विधायक शैलेष पांडेय द्वारा अपनी टीम के साथ घर घर जाकर राशन पहुंचाया जा रहा था तब कोई शिकायत नही थी उसके बाद कुछ संघठनो ने भी इसकी शुरुआत की मगर सोशल डिस्टेंस का हवाला देकर इस पर बंदिश लगा दिया गया उसके बाद नगर निगम और पुलिस को अधिकृत कर देने के बाद कहा गया जो सहयोग और दान करना चाहते है वे नगर निगम और पुलिस को दे सकते है । उसके बाद नगर निगम ने अपने वाहनों से शहर में घूम घूमकर राशन व नगदी लेना शुरू कर कुछ नम्बर जारी कर दिया कि जरूरतमंद इस नम्बर पर फोन कर सहायता मांग सकते है । सवाल यह उठता है कि क्या 5 किलो चावल लेनेके लिए कोई झूठ बोलेगा?और फिर झूठ बोलकर कोई 5 किलो चावल ले भी लेता है तो कानून में इसकी कोई सजा भी है ?नगर निगम अमला तिफरा बस्ती में जरूरत मन्दों के साथ जिस तरह व्यवहार कर रहा है वह घोर निंदनीय और आपत्तिजनक है इस पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए ।निगम के अमले को यह बात अच्छी तरह समझना चाहिए कि कोरोना का संक्रमण अपनी जगह है कम से कम गरीबों की आह तो मत लीजिए । यह अति गम्भीर और बेहद चिंता जनक बात है कि गरीबो को दिए जाने वाले 5 किलो चावल में भी बंट मारी की जा रही है ।ऊपर वाले से तो डरो भाई । घोर आपत्तिजनक तो यह है जिस महिला ने चावल ली उसने बहुत बहुत बड़ा अपराध कर दिया निगम के अमले का व्यवहार कुछ ऐसा ही है इतनी जांच पड़ताल और पूछताछ तो किसी अपराधी से पुलिस भी नही करती । 5 किलो की जगह ढाई किलो चावल मिलने की सूचना महिला ने क्या कर दी निगम का अमला उसे फोन पर धमकाने लगा बोला पहले तौलवा तो लेते फिर शिकायत करते । महिला ने तौलवा कर बताया कि ढाई किलो ही है तो निगम का अमला कह रहा एक तो मुफ्त में ले रहे हो और मुफ्त में मिले चावल को तौलवा रहे हो ।
कोरोना संक्रमण से निपटने भूपेश बघेल की सरकार पूरा प्रशासन तंत्र व पुलिस जी जान से भिड़ा हुआ है और मुख्यमंत्री की घोषणा है कि लॉक डाउन में किसी गरीब परिवार को भूखा नही रहने दिया जाएगा मगर नगर निगम का ऐसा अमला प्रदेश शासन को बदनाम करने में तुला हुआ है । निगम को शहर के सहृदय लोगो से प्राप्त राशन को तिफरा में निगम का अमला ऐसे बांट रहा जैसे अपने घर से दे रहा हो । इस मामले की जांच होनी चाहिए और कठोर कार्रवाई भी ।इस महिला ने प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को कलेक्टर संजय अलंग के जरिए एक शिकायत की है। उसमें आवेदनकर्ता ने अपना नाम श्रीमती बिथिका मुखर्जी बताते हुए (कांटेक्ट नंबर 79877 77 421) प्रदेश के मुख्यमंत्री से कहा है कि हम भूखे मरना पसंद करेंगे लेकिन ऐसे अपमान नहीं सहेंगे। इस शिकायत में उन्होंने मुख्यमंत्री से यह भी कहा है कि आपको नगर निगम अधिकारी के द्वारा कहीं गई अपमानजनक बातों की आडियो क्लिप भी साथ में संलग्न कर रहे हैं। उम्मीद है कि उनके खिलाफ यथोचित जांच कर कार्रवाई की जाएगी। इस हाई कोर्ट अधिवक्ता श्री प्रदीप राजगीर से हुई बातचीत में उन्होंने कहा कि लॉक डाउन के दौरान प्रदेश का कोई भी व्यक्ति भूखा ना रहे।और अंतिम पंक्ति के व्यक्ति तक सरकार की मदद पहुंचे। इसके लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल बीते 1 माह से निरंतर रात दिन लगे हुए हैं। वे अधिकारियों से सीधे संपर्क कर लगातार यह प्रयास कर रहे हैं कि प्रदेश के अंतिम पंक्ति के आदमी तक शासन की मदद और सहयोग हर हाल में पहुंचे। वहीं प्रदेश कांग्रेस कमेटी भी इस दिशा में अंतिम पंक्ति के लोगों को शासन की मदद मिले ऐसा प्रयास अनवरत कर रही है। यही हाल जिला कलेक्टर बिलासपुर का है।श्री राजगीर ने इस बात पर अफसोस जताया कि इतने सारे लोगों की सदिच्छा के बावजूद अगर कहीं कोई गड़बड़ी की शिकायत मिल रही है तो उसे गंभीरता से लेते हुए दूध का दूध और पानी का पानी किया जाना चाहिए।
बहरहाल यह बात सोचनीय है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा लॉक डाउन के दौरान गरीब गुरबा लोगों की चिंता करते हुए उन्हें मुफ्त में राशन प्रदान करने का निर्देश दिया गया है। इस बात की जांच होनी चाहिए कि क्या इन हितग्राहियों को 5 किलो की जगह ढाई किलो चावल देकर उनके राशन में डांडी मारने के साथ उन्हें बुरी तरह अपमानित व जलील किया जा रहा है…? और यदि जांच के दौरान पीड़ित महिला हितग्राही के द्वारा लगाए गए आरोप तथा जोन प्रभारी और महिला के बीच की ऑडियो क्लिपिंग में कही गई बातें, प्रमाणित पाई जाती हैं। तो दोषियों के खिलाफ ऐसी सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। जिससे आगे कोई भी न तो गरीबों के राशन में डांडी मारने की हिम्मत कर सके और न ही पीड़ित हितग्राहियों को अपमानित और जलील करने की बात सपने में भी सोच सके।