बिलासपुर ।कोरोना वायरस के चलते और लॉक डाउन में पूरे देश के उद्योग धंधों पर ताला लगा हुआ है और केंद्र ने थोड़ी मंजूरी दी भी तो कोरोना के डर से मजदूरों के नही आने के कारण उद्योग चालू नही हो सके है मगर छत्तीसगढ़ में बिलासपुर ऐसा शहर है जहां राजश्री गुटखा बनाने वाली फेक्ट्री में स्थानीय नही बल्कि उत्तर प्रदेश से आकर मजदूर काम करते है और लॉक डाउन की स्थिति में भी फेक्ट्री में मजदूरों को घर जाने देने के बजाय उनसे काम लिया जाता रहा और प्रशासन तथा श्रम विभाग के अधिकारी उस फेक्ट्री में जाकर जांच करना भी उचित नही समझा मजदूरों ने वेतन मांगा तो उनकी पिटाई कर दी गई । लाचार मजदूरों ने अपने घर उप्र जाने और वेतन की मांग करते हुए फेक्ट्री के सामने जब प्रदर्शन किया तो प्रशासन और पुलिस को मालूम पड़ा कि लॉक डाउन की अवधि में भी राजश्री गुटखा फेक्ट्री में गुटखा निर्माण का कार्य चल रहा था ।कोरोना वायरस के तमाम खतरों को धता बनाकर गुटखा निर्माण कराने वाले निर्माता कंपनी के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी यह तो जिम्मेदार अधिकारी ही जाने मगर मजदूरों के प्रदर्शन के बाद प्रशासन और पुलिस के हरकत में आने से मजदूरों को उनके वेतन भुगतान की दिशा में सार्थक पहल शुरू हो गई है ।
उल्लेखनीय है कि राजश्री गुटखा कम्पनी गुटखा से सालाना करोड़ो की आय अर्जित करती है। शराब ,तम्बाकु और गुड़ाखु निर्माताओ की आय गुटखा की अकेले आय के सामने कुछ भी नही है ।महिलाएं बच्चों और बुजुर्गों तथा गरीब व मध्यमवर्गीय परिवार में बुरी तरह घुसपैठ कर चुके राजश्री गुटखा ने इन वर्गों को अपना आदी बना चुका है इस बुरी लत के चलते गरीब व जरूरतमंद परिवार के आय का एक बड़ा हिस्सा गुटखा लील जाता है ।परिवार में इसके चलते झगड़ा व तनाव भी बढ़ रहा है तो उधर लॉक डाउन में भी राजश्री गुटखा का निर्माण बेख़ौफ़ चल रहा है ।
जानकारी के मुताबिक करोड़ों का कारोबार करने वाली गुटखा कंपनी राजश्री में काम करने वाले मजदूरों को दो माह से वेतन नहीं दिया गया है। लाॅक डाउन के चलते मजदूरों को बाहर निकलने का मौका नहीं मिला, जिसके चलते कंपनी के ठेकेदार ने इन मजदूरों के लिए फैक्ट्री में ही रहने और खाने की व्यवस्था कर दी और पर्याप्त काम लिया, अब जब मजदूरों ने मेहनताना की बात की, तो मजदूरों के साथ मारपीट कर उन्हें भोजन देना भी बंद कर दिया। बताया जा रहा है कि अधिकांश मजदूर उत्तरप्रदेश के हैं, जो लाॅक डाउन की वजह से अपने घर नहीं लौट पा रहे हैं
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सभी नियोजकों को स्पष्ट चेताया है कि कोई भी किसी भी श्रमिक का ना तो वेतन कम करेगा और ना ही उन्हें काम से निकालेगा, लेकिन बिलासपुर स्थित राजश्री गुटखा फैक्ट्री में इन आदेशों की किस तरह धज्जियां उड़ रही है, इसकी बानगी मजदूरों के साथ ज्यादती के तौर पर सामने आई है। करीब 150 मजदूरों ने काम बंदकर फैक्ट्री के सामने प्रदर्शन शुरू किया, तब हकीकत बाहर आई कि भीतर इनसे काम लिया गया और जब इन्होंने मेहनताना की बात की, तो इन्हें मारपीट कर भगा दिया गया।
लाॅक डाउन के दौरान सभी निर्माण पर पूरी तरह पाबंदी लगाई गई थी, लेकिन राजश्री फैक्ट्री में चोरी-छिपे काम चलता रहा, इसका प्रमाण प्रदर्शनकारी मजदूर हैं। यूपी के इन मजदूरों की हर बात में सच्चाई है, इससे इंकार नहीं किया जा सकता। बता दें कि यह वही गुटखा फैक्ट्री है, जहां पर आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने छापामार कार्रवाई की थी, नाबालिगों को काम पर लिए जाने का मामला गरमाया था। बहरहाल लाॅक डाउन के तहत इस फैक्ट्री के खिलाफ अब प्रशासन को उचित कदम उठाने की आवश्यकता है क्योकि यह अति गम्भीर मामला है साथ उन अधिकारियों पर भी करवाई होनी चाहिए जिन्हें लॉक डाउन के बाद भी गुटखा निर्माण होने की जानकारी नही थी या जिन्होंने जानने का प्रयास भी नही किया ।