।छत्तीसगढ़ में अच्छा भला और सब कुछ ठीक ठाक ही चल रहा था कुल जमा 3 मरीजो की छुट्टी हो जाने का इंतिजार किया जा रहा था ताकि लॉक डाउन दूसरे चरण की अंतिम तिथि 3 मई के पहले ही समूचा छत्तीसगढ़ कोरोना मुक्त हो जाये मगर विधान को कुछ और ही मंजूर था । मंगलवार रात को एक तरफ जहां सूरजपुर के जजावल में एक कांस्टेबल और 8 लोग कोरोना सस्पेक्टेड पाए गए।उनके सेम्पल जांच के लिए एम्स भेज दिया गया है ।इनकी रिपोर्ट का बेसब्री से प्रतीक्षा की जा रही है । इसी तरह जशपुर जो अभी तक ग्रीन जिला था, में भी एक मरीज पाए जाने से छत्तीसगढ़ की कोरोना मामले में तस्वीर बदल गई है ।
सूरज पुर जिले में कल रात पॉजिटिव के सम्पर्क आये 9 लोगो के बारे में आईजी दीपांशु काबरा ने ट्वीट करके महत्वपूर्ण बात कही है । आई जी और डॉक्टर्स की माने तो रेपिड किट टेस्ट से पॉजिटिव नही माने जा सकते । इस तरह उम्मीद रखे कि जांच रिपोर्ट निगेटिव आये ।
उल्लेखनीय है कि जिला सूरजपुर में मंगलवार देर रात तक रैपिड टेस्ट जांच में 9 और व्यक्तियों में कोरोना संक्रमण मिला है। इसमें एक पुलिस कांस्टेबल भी शामिल है। यह सभी लोग प्रतापपुर क्वारैंटाइन सेंटर में रखे गए झारखंड के 58 वर्षीय श्रमिक के संपर्क में आए थे। इस श्रमिक की रिपोर्ट सुबह पॉजिटिव आई थी। हालांकि संक्रमित मिले बाकी लोगों के सैंपल पुष्टि के लिए रायपुर पहुंचा हैं,रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा कि कितने वास्तविक संक्रमित हैं।
सूरजपुर जिले में जजावल इलाका सील-झारखंड के गढ़वा जिले का श्रमिक महाराष्ट्र से लौटते समय राजनांदगांव की सीमा पर पकड़ा गया था। वहां से सूरजपुर के प्रतापपुर (जजावल) में बनाए कैंप में 10 दिन पहले ही भेजा गया। इस कैंप में 106 अन्य मजदूरों को भी रखा गया है। इन कैंप में पुलिस व वन अफसरों के अलावा पंचायत प्रतिनिधि व्यवस्था देखने व रोजगार मूलक काम शुरू कराने गए थे। पॉजिटिव वृद्ध को रायपुर एम्स शिफ्ट किया गया है। इसके साथ ही पूरे जजावल को सील कर दिया गया है।सभी प्रतापपुर कैंप से ही, महाराष्ट्र से लौटे झारखंड के मजदूर से संपर्क में आए थे।