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November 24, 2024 3:10 am

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नक्सलियों के कथित मददगार निशांत जैन कौन है और क्या है उसकी हिस्ट्री ?एकाउंटेंट के यहां काम करने 2001 में विलासपुर आया और खुद मालिक बनकर 19 साल में ठेकेदारी के कार्य मे साम्राज्य खड़ा कर लिया

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नक्सलियों के शहरी नेटवर्क लेण्डमार्क इंजीनियर बिलासपुर का मालिक निशान्त जैन पुलिस की गिरफ्त में

आरोपी के कब्जे से 02 मोबाईल जब्त > विगत 02-03 सालों से नक्सलियों को मदद करने का आरोप

बिलासपुर ।कांकेर पुलिस ने नक्सलियों के शहरी नेटवर्क का खुलासा करते हुए बिलासपुर के एक बड़े ठेकेदार को गिरफ्तार किया है । निशांत जैन नामक यह बड़ा ठेकेदार आखिर कौन है और इसकी हिस्ट्री क्या है ?इस प्रश्न का जवाब खोजने हमने उसके निकटवर्ती लोगो से कुछ खंगाला तो पता चला कि निशांत जैन मूलतः दिल्ली का रहने वाला है और वर्ष 2001 में वह बिलासपुर आया और आरके जैन की कम्पनी में एकाउंटेंट का काम करने लगा ।उसके बाद उसने ऐसा चक्कर चलाया की आरके जैन को दिल्ली वापस लौटना पड़ गया । तब तक निशांत जैन की स्थानीय ठेकेदारों से जान पहचान हो चुकी थी । एक स्थानीय ठेकेदार ने उसकी बड़ी मदद कर ठेकेदारी के मेनस्ट्रीम में उसे लाने में मदद की ।तब वह लोक निर्माण विभाग में सक्रिय होकर ठेकेदारी करने लगा । प्रधानमंत्री सड़क योजना ग्रामीण की शुरुआत हूई तो निशांत जैन की मानो तकदीर ही खुल गई । कोटा विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत बनाई गई अधिकांश सड़को का ठेका निशांत जैन ने ही प्राप्त किया था । निशांत जैन के वैभव का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि शांति नगर में उसका आफिस 3 मंजिला और सर्वसुविधा युक्त है । इसी तरह का दफ़्तर उसका राजनांदगांव में भी है । प्रधानमंत्री सड़क योजना शुरू होने के बाद निशांत जैन ने पीछे मुड़कर नही देखा और उसे धड़ाधड़ सड़क निर्माण के ठेके मिलने शुरू हो गए उसका कार्यक्षेत्र व्यापक हो गया । उसने धुर नक्सली क्षेत्र कांकेर ,बस्तर जिले के और भी क्षेत्र में सड़क निर्माण का ठेका लेना शुरू किया । जाहिर है नक्सलियो की अनुमति और उनसे बेहतर सम्बन्ध बनाये बगैर निशांत जैन उन क्षेत्रो में काम नही कर सकता था लिहाजा उसने नक्सलियों की मांग और सुविधाओं का ध्यान रखा होगा मगर उसका यह कृत्य पुलिस और कानून की दृष्टि में नक्सलियों को मदद करना और उनका मददगार होना होता है । कांकेर पुलिस की नक्सलियों के शहरी नेटवर्क की खोजबीन में निशांत जैन पुलिस की राडार में रहा है । वैसे उसकी गिरफ्तारी की चर्चा 2 दिन पहले से थी मगर पुलिस ने खुलासा आज किया है ।

अब तक प्रकरण में कुल 12 आरोपी गिरफ्तार हो चुके है । पुलिस द्वारा जारी के मुताबिक जिला कांकेर के थाना सिकसोड़ क्षेत्रांतर्गत 24 मार्च.2020 को नक्सलियों को जूता, रूपये, वर्दी का कपड़ा, वायरलेस बाकी-टाकी सेट, बिजली का तार आदि सामग्री भारी मात्रा में पहुंचाने वाले दर्ज प्रकरण में आरोपियों की पतासाजी एवं गिरफतारी हेतु गठित विशेष अनुशंधान टीम को प्रकरण में संलिप्त अत्यन्त महत्वपूर्ण आरोपी निशान्त कुमार जैन पिता सुरेश जैन, उम्र 41 वर्ष, निवासी सिद्ध शिखर विस्तार एपार्टमेन्ट, रिंग रोड-2 शांतिनगर बिलासपुर को गिरफ्तार करने में एसआईटी टीम को महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त हुई है। जिला कांकेर के अन्दरूनी क्षेत्र कोयलीबेडा, आमाबेड़ा, सिकसौड़, रावघॉट, ताड़ोकी में पीएमजेएसवाय रोड़ निर्माण में लगे कंपनी लेण्डमार्क इंजीनियर बिलासपुर के मालिक निशान्त जैन एवं लेण्डमार्क रॉयल इंजीनियर राजनांदगांव के मालिक वरूण जैन द्वारा कांकेर जिला के अन्दरूनी क्षेत्रों में रोड निर्माण कार्य का ठेका लेकर अपने अधिनस्थ अजय जैन, कोमल वर्मा, तापस पालित द्वारा सीधे तौर पर रोड़ निर्माण कार्य के नाम पर नक्सलियों को जूता, बर्दी का कपड़ा, वायरलेस सेट, दबाई, विजली तार, रूपये एवं अन्य सामग्री राजनांदगांव एवं अन्य शहरों से खरीद कर लाकर आरोपी मुकेश सलाम एवं राजेन्द्र सलाम के माध्यम से विगत 02-03 वर्षों से दिया जा रहा था। जिसमें आरोपी निशान्त जैन के द्वारा सक्रिय रूप से नक्सलियों के सहयोगी के रूप में अत्यन्त नक्सल प्रभावित क्षेत्र कोयलीबेड़ा के नक्सलियों को लगातार राशन सामग्री, स्टेशनरी सामग्री एवं नक्सलियों के उपरोक्त शहरी नेटवर्क के माध्यम से खरीद कर नक्सली वर्दी कपड़ा, जूता, वायर, पालिथिन एवं रूपये को अपने कंपनी के अधिनस्थ लोगों के माध्यम से नक्सलियों के पास ले जाकर सीधे पहुंचाने का कार्य किया जा रहा था, जिससे नक्सलियों द्वारा लेण्डमार्क इंजीनियर थिलासपुर एवं लेण्डमार्क रॉयल इंजीनियर राजनांदगांव के निर्माण कार्यों में कोई घटना एवं बाधा उत्पन्न नहीं किया जा रहा था, जिसके कारण लगातार उक्त कम्पनी द्वारा नये-नये रोड़ ठेका में लिया जा रहा था। इस प्रकार से आरोपी निशान्त जैन के द्वारा अपने अधिनस्थ लोगों के माध्यम से लगातार नक्सलियों को रूपये पैसे एवं समान देकर आर्थिक सहयोग किया जा रहा था। प्रकरण की गंभीरता एवं संवेदनशीलता को दृष्टिगत रखते हुए पुलिस महानिरीक्षक, बस्तर रेंज बस्तर श्री पी०सुन्दरराज, उप पुलिस महानिरीक्षक कांकेर रेंज कांकेर श्री संजीव शुक्ला के मार्गदर्शन तथा पुलिस अधीक्षक कांकेर श्री एम0आर0 आहिरे के दिशा-निर्देश पर उपरोक्त प्रकरण की अग्निम पियेचना, आरोपियों की गिरफ्तारी एवं पतासाजी के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कांकेर कीर्तन राठौर के नेतृत्व में 06 सदस्यीय एसआईटी (विशेष अनुसंधान टीम) का गठन किया गया है, जिसमें उप पुलिस अधीक्षक, आफाश मरकाम, जगदीश उईके, निरीक्षक डी.एस.देहारी, मोरध्वज देशमुख, उ.नि. अजय साहू, सत्यम साहू, अमित पद्मशाली, लतेश शोरी, विनोद नेताम है, जिनके द्वारा लगातार प्रकरण में आरोपियों की पतासाजी एवं गिरफ्तारी की कार्यवाही तत्परता से की जा रही है। उक्त प्रकरण में अब तक नक्सलियों के शहरी नेटवर्क के रूप में काम करने एवं मदद् पहुंचाने वाले तथा घटना में संलिप्त अब तक कुल 12 महत्वपूर्ण आरोपियों को गिरफ्तार करने में एसआईटी टीम को सफलता प्राप्त हुई है।

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