बिलासपुर ।लॉक डाउन के दौरान सायबर क्राइम के बढ़ते मामलें को देखते हुए बिलासपुर पुलिस एक हफ्ते तक सायबर जागरूकता अभियान चलाने जा रही हैं।
पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि पिछले साल में साइबर अपराध के आकड़ो की तुलना इस वर्ष से करने पर लाक डाउन के विगत 5 माह में ही दुगुने से ज्यादा अपराध दर्ज हुए हैं इसलिए सायबर जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत पड़ी, क्योकि साइबर अपराधी दुनिया के किसी भी कोने में बैठ कर सायबर ठगी को अंजाम देते हैं जिनको पकड़ना बहुत ही कठिन प्रक्रिया हैं इसलिए जरूरी है कि साइबर अपराधों से बचा जाए और लोगो को जागरूक करने के लिए ही सायबर मितान कैपेंन पुलिस के द्वारा चलाई जा रही हैं जिसके तहत जिले की 20 लाख की आबादी तक,हर गाँव, हर शहर और हर वॉर्ड के लोगो को इस जागरूकता मुहिम से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया हैं।लॉक डाउन में एस पी ओ के उल्लेखनीय कार्यो को देखते हुए इस मुहिम को सफल बनाने के लिए पिछले 10 दिनों में 10 हजार सायबर लीडर को ट्रेनिंग दे कर ट्रेंड किया गया हैं, कोविड की वजह से सतर्कता बरतते हुए एक साथ ही ट्रेनिंग अभियान नही चलाया गया बल्कि पार्ट पार्ट में हर थाना वार अलग अलग जगहों पे छोटे छोटे सेशन ले कर इन्हें ट्रेंड किया गया और वर्चुअल माध्यम से भी ट्रेनिंग दी गयी थी।पुलिस अधीक्षक ने बताया कि हर थानेदार को नोडल अधिकारी बनाया गया हैं जिनके अंदर में साइबर लीडर रहेंगे और उनके अंदर में साइबर रक्षक जो लगभग 3,से 4 गांव कवर करेंगे।
पुलिस अधीक्षक ने जिले वासियों से अपील की हैं कि वें इस अभियान से जुड़े और वॉलिंटियर्स से सायबर अपराधों के बारे में जानकारी ले तथा अपनी जिज्ञासाओ को भी सुलझाएं और साइबर क्राइम से बचें रहे,पुलिस कप्तान ने बताया कि हर ओटीपी के साथ डु नॉट शेयर का ऑप्शन आता हैं जिसको पालन करते हुए कही भी किसी को भी न बताए।पुलिस कप्तान के अनुसार हर वह व्यक्ति सायबर क्राइम का शिकार हो सकता हैं जो कि फोन उपयोग करता हैं, उसमे भी सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वाले लोगों के शिकार बनने की ज्यादा आशंका हैं।
पुलिस कप्तान ने बिलासपुर के एक मामले का ही वर्णन करते हुए कहा कि शहरी युवा आन लाइन डेटिंग एप का इस्तेमाल सावधानी से करें वर्ना वह हनी ट्रेप का शिकार हो सकते हैं, बिलासपुर के कुछ युवा पिछले दिनों इसका शिकार हो भी चुके है इसलिए इसका इस्तेमाल सावधानी से करें और यदि इस तरह की ब्लैक मेलिंग का शिकार होते हैं तो बिना डरे एफआईआर दर्ज करवाये,बदनामी के डर से कई लोग एफआईआर नही करवाते जबकि पुलिस ऐसे मामलों को सेंसेटिव नेचर का मान कर जांच करती हैं और पीड़ितों का पहचान उजागर नही करती हैं।
पुलिस कप्तान ने बताया कि कोविड 19 की वजह से पूरी सावधानी से यह अभियान चलाया जाएगा जिसमें जनता को अपने घर से बाहर निकलने की जरूरत भी नही हैं, पुलिस खुद ही उनके घरों तक विभिन्न माध्यमों से पहुँचेगी।पुलिस ने पूरे जिले में बांटने के लिए पाम्प्लेट बनवाये हैं और जनता पुलिस से फेसबुक ट्विटर और व्हाट्सअप के माध्य्म से भी जुड़ सकती हैं बिलासपुर पुलिस ने लोगो की समस्याओं के समाधान के लिए व्हाट्सएप नम्बर भी जारी किए हैं।पुलीस ने कई इंटरेस्टिंग शार्ट मुवी भी बनाये हैं।
पुलिस अधीक्षक प्रशान्त अग्रवाल के अनुसार 8 सितम्बर वर्ल्ड लिट्रेसी डे के दिन अभियान का समापन रखा गया हैं।जनता जब साईबर फ्रेंडली हो जाएगी तो उन्हें डरने की कोई आवश्यकता नही होगी बल्कि वो खुद ही लोगो मे जागरूकता फैला कर सायबर अपराधों से बचाव के प्रति जनजागृति लाएंगे।