बिलासपुर । कोरोना वायरस की स्थिति राजधानी रायपुर के बाद बिलासपुर में भी खतरनाक मोड़ पर पहंच चुका है हालांकि बिलासपुर की स्थिति दुर्ग और राजनांदगांव की तुलना में फिलहाल बेहतर है मगर आने वाले दिन और भी खतरनाक हो सकते है क्योंकि अब तो शहर के हर गली,मोहल्ला ,कालोनी ,वार्ड में कोरोना ने पांव पसार दिया है और रोज पॉजिटिव लोगो की संख्या सैकड़ा पार कर जाता है । पूरे प्रदेश में बढ़ते कोरोना मरीजों की संख्या और मृतकों के बढ़ते आंकड़े को ध्यान में रख मुख्यमंत्री ने रविवार को आपात बैठक लेकर जिस तरह के निर्देश कलेक्टरों को दिए है उससे यह स्पष्ट हो गया है कि अन्य प्रभावित जिलों की तरह बिलासपुर जिले में भी फिर से लाक डाउन प्रभावशील हो सकता है । सम्भव है कलेक्टर बिलासपुर कल सोमवार को राजनांदगांव मॉडल के अनुसार लाक डाउन की घोषणा कर सकते है । लाक डाउन के पहले चरण में पूरे प्रदेश में बिलासपुर की स्थिति काफी बेहतर थी । पूर्ण लाक डाउन का कड़ाई से पालन भी हो रहा था । इस दौरान लोग घरों में ही रह रहे थे ।
दुकाने ,सरकारी दफ्तर सब बन्द मगर अनलॉक की घोषणा के बाद लोगों में लापरवाही बढ़ गई । पॉजिटिव लोगो की संख्या में जहां तेजी से बढ़ोतरी होने लगी वही मरने वालों की तादाद भी बढ़ गई । रिकव्हर होने और छुट्टी पाकर घर जाने वालों की संख्या भी कम होने लगी । कोरोना को लेकर पहले जिस तरह प्रशासन ,पुलिस और आमजन सतर्कता बरत रहे थे वह अब नजर नही आ रहा । अब तो ट्रेवल हिस्ट्री भी देखने या पूछने की जरूरत नही पड़ रही क्योकि घरों में ही रहने वालों को भी पॉजिटिव बताया जाने लगा है हालांकि ऐसे लोग निश्चित ही कही न कही किसी पोजिटिव के सम्पर्क में जरूर आये है । अब तो बिना किसी लक्षण के भी कोरोना पॉजिटिव मरीज मिल रहे है । कोरोना वायरस से रविवार तक की स्थिति में बिलासपुर जिले में 55 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि संक्रमित पाए गए मरीजों की संख्या बढ़कर 2891 पहुंच चुकी है वही स्वस्थ होने पर 1275 लोगो को डिस्चार्ज किया जा चुका है । अभी तक एक्टिव मरीजों की संख्या 1563 है जिनका सेम्पल लिया गया है मगर रिपोर्ट नही आया है । जिला अस्पताल में बनाये गए कोविड अस्पताल में 100 बिस्तर और सिम्स अस्पताल में 50 बेड की व्यवस्था है। निजी अस्पताल महादेव हॉस्पिटल में 100 बेड ,रेलवे अस्पताल में 50 बेड, पंडित सुंदर लाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय में 100 मरीजों के लिए बेड की व्यवस्था की गई है । राजधानी से मिली जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ के नगरीय क्षेत्र को फिर से बंद किया जायेगा। हालांकि पिछली बार के लॉकडाउन से इसका स्वरूप बदला हुआ होगा।
खबर है कि लॉकडाउन के बजाय इस दफा नगरीय क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित कर बंद किया जायेगा। मतलब वार्डों में मरीजों के हिसाब से बंद किया जायेगा।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज कलेक्टरों को बैठक में इस बात के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कोरोना के मुद्दे पर सीएम हाउस में अफसरों की बड़ी बैठक ली हैं।
बैठक में मरीजों की संख्या, उपचार की व्यवस्था, बेड की संख्या, उपचार के तरीके, डाक्टरों की उपलब्धता, होम आइसोलेशन की सुविधा, दवा और किट के इंतजाम सहित कई अन्य बिंदुओं पर चर्चा की जा रही है। बैठक में लॉकडाउन को लेकर भी चर्चा हुई। अधिकारियों से बातचीत के बाद निर्णय लिया गया है कि संपूर्ण लाॉकडाउन के बजाय जिलों के नगरीय क्षेत्र में वार्डों के आधार पर कंटेनमेंट जोन घोषित किया जाये। मतलब जिन वार्डों को कंटेनमेंट जोन घोषित किया जायेगा, वहां उद्योगों को छोड़ सभी तरह के व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद कर दिये जायेंगे। इस फैसले के लिए कलेक्टर को अधिकृत कर दिया गया है
कंटेनमेंट जोन घोषित होने के बाद सभी तरह की दुकानें बंद हो जायेगी, शर्तों के साथ सिर्फ दूध की दुकानें खुलेगी, वहीं बैंक, दवा, पेट्रोल पंप, गैस एजेंसी, मीडिया सहित कुछ अति आवश्यक सेवा को ही इससे छूट दी जायेगी।
लॉकडाउन का स्वरूप
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पिछली बार की तरह ही इस दफा भी लॉकडाउन होगा, लेकिन केंद्र के नियमों सं बंधे होने की वजह से लॉकडाउन के बजाय उसे कंटेनमेंट जोन घोषित कर लॉक किया जायेगा। मतलब पिछली दफा की तरह पूरे नगरीय क्षेत्र को बंद नहीं किया जायेगा, बल्कि वार्डों के हिसाब से कंटेनमेंट जोन घोषित कर लॉकडाउन किया जायेगा, या फिर कलेक्टर चाहें तो संपूर्ण नगरीय क्षेत्र को भी कंटेनमेंट जोन घोषित कर शहर को लॉक करने का आदेश दे सकते हैं। मतलब बंद करने का पूरा का पूरा अधिकार अब कलेक्टर को होगा। कलेक्टर इस बात का फैसला करेंगे कि क्या पूरे नगरीय क्षेत्र को बंद कर दिया जाये या फिर वार्डों के आधार पर बंद किया जाये।
आपको याद होगा कुछ दिन पहले राजनांदगांव ने संपूर्ण नगरीय क्षेत्र को ही कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया था, लिहाजा वहां समस्त व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद कर दिया गया था। लिहाजा आज की बैठक में राजनांदगांव के मॉडल के अनुरूप ही बंद करने का निर्देश कलेक्टरों को दिया गया है। माना जा रहा है कि आज मिले निर्देश के बाद अगले 3-4 दिनों का वक्त निर्धारित कर प्रदेश में 1000 से ज्यादा मरीजों की संख्या वाले समस्त जिलों को कंटेनमेंट जोन घोषित कर बंद करने का आदेश दिया जायेगा। ऐसे में माना जा रहा है कि राजधानी रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, रायगढ़, बस्तर, जांजगीर, बलौदाबाजार, सरगुजा सहित कई जिले लॉक हो सकते हैं।