बिलासपुर । क्या मोबाइल कंपनियां कहीं भी टावर लगा सकती है और क्या नगर निगम भी प्रभावित एरिया के लोगो से राय जाने बगैर सिर्फ लाखों का शुल्क लेकर टावर लगाने अनुमति दे सकती है ? यह सवाल इसलिए खड़ा हो रहा है क्योंकि एयर टेल मोबाइल कम्पनी ने सरकंडा क्षेत्र के घनी बस्ती जबड़ा पारा रोड में अंकित विद्या मंदिर के ठीक सामने मकानों के बीच टावर लगाने का काम कर रही है जिसे नगर निगम ने डेढ़ लाख रुपए शुल्क लेकर अनुमति दे दी है । जिस जमीन पर टावर लग रहा उसकी भी कहानी सिर्फ अर्थलिप्सा ही है । टाउन एंड कंट्री प्लानिग में काम करने वाले श्याम पटेल शहर में घूम घूम के टावर कम्पनी के लिए जमीन की तलाश कर जमीन मालिक को धोखे में रख सौदा कर लेता है उसे वह टावर लगाने की जानकारी छुपाकर अपने रिश्तेदारों के नाम जमीन खरीद मोबाइल कम्पनी के हवाले कर देता है यही नहीं टावर लगाने नगर निगम में आसानी से मंजूरी दिलाने में भी योगदान देता है ।शहर में उसने ऐसे 9 टावर लगवा डाले है । टावर से उत्पन्न होने वाले रेडिएशन से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले विपरीत प्रभाव से किसी को कोई लेना देना नहीं है ।टावर लगाने के विरोध में पूरा मोहल्ला एक जुट हो गया है । आज सबने मिलकर काम भी रुकवा दिया मगर मोबाइल कम्पनी के इंजिनियर पुलिस लेकर पहुंच गया ।लोगो के विरोध को देख पुलिस वापस लौट गई ।शाम को मोहल्ले के लोगो जिनमे महिलाएं ज्यादा थी ,की बैठक हुई जिसमें टावर किसी भी हालत में नहीं लगाने देने और मंगलवार को निगम आयुक्त व कलेक्टर से मिलकर विरोध जताने का निर्णय लिया गया ।मामले की जानकारी होने पर शहर विधायक शैलेष पाण्डेय ने कहा कि वे निगम आयुक्त से बात करेंगे और मोहल्ले के लोगो के विरोध को देखते हुए टावर को किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित करने के लिए कहेंगे ।
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