बिलासपुर । जबड़ा पारा रोड में अंकित स्कूल के ठीक सामने घनी आबादी में एयरटेल कम्पनी का लगने वाला टावर विवादास्पद हो गया है । निगम द्वारा टावर कम्पनी को शर्तो के साथ जो अनुमति दी गई है उसमे टावर लगाने का स्थान वार्ड क्रमांक 56 शास्त्री नगर लिखा हुआ है मगर टावर जहां लगाया जा रहा है वह स्थान न तो वार्ड क्रमांक 56 है और न हीं शास्त्री नगर है ।टावर वार्ड क्रमांक 56 की जगह 60 में लगाया जा रहा है और जबड़ा पारा में शास्त्री नगर है ही नहीं कही यह विशुद्ध रूप से धोखाधड़ी तो नहीं है?यह भी सम्भव है कि जमीन का खसरा नंबर वार्ड नंबर 56 से उठाकर यहां दिखाने की कलाकारी कर दी गई हो । सम्भव तो सब कुछ है ।जमीन मालिक भी कह रहा कि उसने अपनी जमीन टावर लगाने के लिए नहीं बेचा है उसे धोखे में रखकर और बीमार ससुर के लिए मकान बनाने की बात कहकर लिया गया अब वो अपनी जमीन वापस लेना चाह रहा है क्योंकि टावर से ही लगे उसकी और जमीन है जिसमे वह अब अपना मकान बनाना चाह रहा मगर अब सम्भव नहीं है यदि टावर खड़ा होता है तो उसकी शेष जमीन को कोई नहीं खरीदेगा इसे जानकर टावर के लिए जमीन खरीदे श्याम पटेल अब शेष जमीन को औने पौने दाम पर मांग रहा है । कुल मिलाकर टावर और जमीन को लेकर काफी बडा लोचा दिख रहा है ।अब बात करें निगम उपायुक्त के हस्ताक्षर से टावर कम्पनी को डेढ़ लाख रुपए शुल्क लेकर जो अनुमति दी गई है उस अनुमति पत्र के नियम वी शर्त क्रमांक 2 में स्पष्ट उल्लेखित है कि वर्तमान मार्ग के मध्य से 30 फूट भूमि छोड़ने के बाद भूखण्ड सीमा होगी मगर निगम वालो ने यह देखने और जांचने की जहमत भी नहीं उठाई कि टावर कम्पनी नियम व शर्तो का पालन कर रहा कि नहीं क्योंकि 30फूट की दूरी है ही नहीं ।शर्त क्रमांक 3 में उल्लेखित है कि भूमि स्वामित्व सम्बन्धी विवाद होने पर अनुमति निरस्त मानी जायेगी । जिससे जमीन सौदा कर रजिस्ट्री कराई गई उसे धोखे में रखा गया अब वह अपनी जमीन वापस मांग रहा यही वह जमीन की रजिस्ट्री सुन्य घोषित करने कलेक्टर को आवेदन भी देने वाला है ऐसे स्थिति में टावर लगाने का मामला विवादास्पद तो हो ही गया है ।अब तो शहर में लगे तमाम टावरों की जांच जरूरी हो गया है ।कही और भी टावर तो ऐसे ही गड़बड़ झाला करके तो नहीं लगाया गया है ।शनिवार को जब शाम को टावर का विरोध करने महिलाएं और मुहल्ले के लोग एकत्र हुए तो एयरटेल कम्पनी का इंजिनियर काम रोकने सहमत हो गया मगर रविवार को उसने फिर मजदूर भेज दिए और खुद गायब रहा ।मोहल्ले के लोगो ने मजदूरों को टावर से नीचे उतार कर लौटा दिया । प्रशासन और निगम का रवैया यदि सकारात्मक नहीं रहा तो मोहल्ले वाले आन्दोलन के लिए विवश हो सकते है ।
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Mon Oct 26 , 2020