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May 20, 2025 7:00 am

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बीस वर्षों बाद विधानसभा में छत्तीसगढिया सचिव ,विधानसभा अध्यक्ष डा महंत की देन,दिनेश शर्मा को मिली महती जिम्मेदारी

विधानसभा जैसे सर्वोच्च प्रजातांत्रिक संस्था व प्रदेश के सर्वोच्च पंचायत में एक प्रतिष्ठापूर्ण छत्तीसगढ़ विधानसभा में सचिव के पद पर दिनेश शर्मा की पदोन्नति हुई है। छत्तीसगढ़ गठन के बाद यह पहला अवसर है कि राज्य के एक वरिष्ठ छत्तीसगढिय़ा अधिकारी को विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने यह जिम्मेदारी सौंपी है।
जिला जांजगीर चांपा के मूल निवासी दिनेश शर्मा वर्तमान में स्पीकर डॉ.चरणदास महंत के सचिव के पद का कार्य देख रहे थे तथा लंबे समय से डॉ. महंत के विश्वसनीय सहयोगियों में रहे हंै। अविभाजित मध्य प्रदेश में गृह व वाणिज्य मंत्री व केन्द्र में अब केन्द्रीय राज्य मंत्री थे तब भी दिनेश शर्मा डॉ. महंत के ओएसडी के रूप में निरंतर संलग्न रहे।

दिनेश शर्मा को विधानसभा के साथ-साथ लंबा प्रशासनिक अनुभव रहा है। विधानसभा सचिव के पद पर उनकी पदोन्नति से उनके गृह नगर बिलासपुर व जांजगीर चांपा में भी हर्ष का माहौल है। याद रहे श्री शर्मा ने विधानसभा अध्यक्ष के बतौर सचिव की भूमिका के साथ-साथ छत्तीसगढ़ विधानसभा के शोध पत्रिका विधायन एवं प्रकाशन संबंधि कार्यों के साथ-साथ उन्होंने सम्मेलन अनुशंधान, शिष्टाचार पुस्तकालय सदस्य सुविधा , वित्तीय समितियां, स्थगन ध्यानाकर्षण जैसी अनेक शाखाओं में सफलतापूर्वक कार्य निर्वहन किया है। विधानसभा द्वारा आयोजित विठासीन अधिकारियों के सम्मेलन एवं समय-समय पर आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के 20 वर्ष पूर्ण होने पर राज्य के एक वरिष्ठ छतीसगढिय़ा अधिकारी दिनेश शर्मा को विधानसभा सचिव जैसे गरिमामय पद पर पदस्थ किए जाने पर अनेक जनप्रतिनिधियों व शुभचिंतकों ने बधाई प्रेषित किए।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढिय़ा भाषा के पुरोधा एवं वरिष्ठ साहित्यकार के रूप में ख्यातिलब्ध पालेश्वर शर्मा के पौत्र व बिलासपुर के संभागायुक्त कार्यालय में अधीक्षक के पद पर कार्यरत रहे स्व. कृष्ण कुमार शर्मा के पुत्र व दिनेश शर्मा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा बिलासपुर के बाद उच्च शिक्षा हेतु बरकतउल्ला विश्व विद्यालय भोपाल से स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त करने के बाद वर्ष 1987 से मध्य प्रदेश विधानसभा में राजपत्रित सेवा श्रेणी 2 के अधिकारी के रूप में उन्होंने अपनी सेवाएं प्रारंभ की। बिलासपुर व जांजगीर चांपा के मूल निवासी होने के कारण राज्य विभाजन के पश्चात उनकी सेवाएं छत्तीसगढ़ विधानसभा को सौंपी गई। जो अब छग विधानसभा में सचिव के पद पर पदस्थ हुए हैं।

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