रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी में साइबर सेल के 22 कर्मचारियों का तबादला किया गया है। एसएसपी आरिफ शेख ने तबादला आदेश जारी किया है। संबंधित थानों को तबादला सूची भेजी गई है। डीजीपी की नाराजगी के बाद आदेश जारी किए गए हैं।
इसके एक दिन पहले ही साइबर सेल और विशेष अनुसंधान सेल को भी भंग किए जाने की सूचना आई थी। डीजीपी डीएम अवस्थी ने सभी एसपी को पत्र जारी कर अपराध से जुड़े अन्य अनुसंधान शाखाओं को तत्काल भंग करने को कहा था। डीजीपी अवस्थी ने नाराजगी जताते हुए कहा है कि अपराध से जुड़े अन्य विवेचनाओं के लिये बनाये गये शाखाओं को तत्काल भंग किया जाये, नहीं तो कार्रवाई की जायेगी।
दरअसल पिछले दिनों क्राइम ब्रांच टीम के द्वारा भ्रष्टाचार की शिकायतें मिलने के बाद डीजीपी ने सभी क्राइम ब्रांच से संबंधित सभी शाखाओं को भंग करने के निर्देश दिये थे। इसके बाद भी कई जिलों में क्राइम से जुड़े अपराधों को सुलझाने के लिये क्राइम ब्रांच के समानांतर साइबर सेल का गठन किया गया था। ये सेल बड़े अपराधों को सुलझाने में क्राइम ब्रांच की तरह ही कार्य कर रही थी। जो साफ तौर पर डीजीपी के दिये हुये निर्देशों का उल्लंघन था।
इस प्रकरण की गंभीरता को देखते हुये डीजीपी ने नाराजगी जाहिर करते हुये इसे भंग करने के निर्देश दिये थे। साथ ही कहा हैं कि अगर एसपी या आईजी को किसी बड़े अपराध की विवेचना करनी हो तो वो अनुसंधान टीम गठित कर सकते हैं, लेकिन शर्त ये रहेगी कि अपराधों को सुलझाने के बाद उस टीम को भंग भी कर दिया जाये।
बता दें कि इसके पहले भी डीएम अवस्थी ने 28 दिसंबर 2018 को सभी जिलों के क्राइम ब्रांच और स्पेशल इन्वेटिगेशन युनिट भंग कर दी थी। सालों से प्रदेशभर में कार्यरत क्राइम ब्रांच और आर्थिक मामलों की जांच के लिए गठित विशेष अनुसंधान सेल (एसआईयू) समेत इससे संबंधित सभी स्पेशल जांच यूनिट को डीजीपी डीएम अवस्थी ने भंग कर दिया था।
उसके बाद डीजीपी अवस्थी ने एक आदेश जारी कर रेंज के पांच जिलों रायपुर, धमतरी, गरियाबंद, बलौदाबाजार और महासमुंद जिले में इन यूनिटों में पदस्थ करीब डेढ़ सौ से अधिक अधिकारी, कर्मचारियों को अपने-अपने मूल पदस्थापना स्थल पर लौटकर आमद देने को कहा था। डीजीपी के इस फैसले के बाद रायपुर के अलावा बिलासपुर, दुर्ग, सरगुजा और बस्तर रेंज के आईजी ने इसका आदेश जारी कर दिया था। छत्तीसगढ़ के नए पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी ने पदभार संभालने के बाद मीडिया से पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में ही जिलों में स्थापित क्राइम ब्रांच, स्पेशल जांच टीम को भ्रष्टाचार और वसूली का अड्डा बताते हुए इसे भंग करने का संकेत दे दिया था।