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November 21, 2024 11:17 am

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गलत जानकारी देकर और वांछित जानकारी छिपाकर निर्माण कार्यों का ठेका हासिल करने का गोरखधंधा, पी एच ई अफसर शासन के नियम का पालन करने के बजाय ठेकेदार का साथ दे रिश्तेदारी निभा रहे

बिलासपुर । आर ई इस और पीएचई में वांछित जानकारी छिपाकर विभिन्न निर्माण कार्यों का ठेका लेने कुछ ठेकेदारों का गोरख धंधा बन गया है इसमें लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारी शासन के दिशा निर्देश और नियमों के तहत काम करने के बजाए ठेकेदारों का साथ देने लग गए है । आर ई एस में कुछ निर्माण कार्यों का ठेका देने टेंडर की प्रक्रिया शुरू हुई तो कुछ ठेकेदारों ने फार्म भरे ।एक ठेकेदार द्वारा गलत जानकारी दिए जाने प र ग्रामीण यांत्रिकी विभाग ने पीएचई से वांछित जानकारी लेने तीन बार पत्र लिखकर उक्त ठेकेदार के संबंध में जानकारी चाही लेकिन पीएच ई के अफसर ठेकेदार का साथ देते हुये आर ई एस के एक भी पत्र का जवाब नहीं दिया जिससे निर्माण कार्यों के टेंडर खोलने में काफी विलंब हुआ। कल भी आरई एस के दफ्तर में ठेकेदारों ने दबाव बनाकर टेंडर की प्रक्रिया पूरी कराई जिसमें उस ठेकेदार को भी दो काम मिल गए जिसकी जानकारी आर ईएस ने मांगा था।

जानकारी के मुताबिक पी एम सीसी नामक एक कम्पनी जिसका ठेकेदार प्रशांत मिश्रा है ,ने आर ई एस में ठेका हासिल करने के लिए झूठा शपथ पत्र दिया कि उसके द्वारा किसी भी विभाग में ठेका नहीं लिए गया है और किसी भी विभाग में कोई भी काम प्रगति रत नहीं है ।इसी बीच आर ई इस के कार्यपालन अभियंता को प्रमाणिक जानकारी मिली कि प्रशांत मिश्रा ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में अनेक निर्माण कार्यों का ठेका लिया हुआ है जिसमे कई कार्य अभी भी प्रगति रत है । (देंखें विवरण) ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन अभियंता ने प्रशांत मिश्रा के बारे में मिली प्रमाणिक जानकारी के बारे में पुष्टि करने के लिए लोक स्वास्थ्य विभाग के कार्य पालन अधिकारी को पत्र लिखकर वस्तुस्थिति से अवगत कराने का अनुरोध किया मगर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्य पालन अधिकारी ने कोई जवाब नहीं दिया । ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के कार्य पालन अभियंता ने जानकारी नहीं मिलने पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को दो पत्र और लिखे इसके बाद भी कोई जवाब नहीं दिए जाने से ऐसा लग रहा मानो लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्य पालन अभियंता शासन के दिशा निर्देशों का पालन करने के बजाय ठेकेदार के हित मे कार्य कर रहे है । आरोप यह भी है कि पी एच ई के कार्यपालन अभियंता की उक्त ठेकेदार से रिश्तेदारी है और वे रिश्तेदारी निभाने के चक्कर में शासन के नियमों की अनदेखी कर रहे है और जानबूझकर आर ई इस के पत्र के परिपेक्ष्य में जानकारी नहीं दे रहे है ।यह उल्लेखनीय है कि झूठा शपथ देना या गलत जानकारी देना अपराधिक कृत्य है और ऐसा करने पर सम्बन्धित के खिलाफ ,IPCकी धारा 191के तहत अपराध दर्ज करवाया जा सकता है ।कार्यपालन अभियंता लोक स्वास्थ्य विभाग के सहयोग और संरक्षण के चलते प्रशांत मिश्रा द्वारा ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के कार्यपालन अभियंता पर फर्जी और झूठे शपथ पत्र को मान्य कर ठेका दिए जाने के लिए लगातार दबाव डालकर अनुचित प्रयास किया जा रहा है हां पी एच ई को 3 पत्र भेजा गया मगर एक पत्र का भी उत्तर नहीं मिला -गुलहरेइस बारे ने बातचीत करते हुए ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन अभियंता अमित गुल हरे ने बताया कि ठेकेदार प्रशांत मिश्रा द्वारा दिए गए शपथ पत्र की जांच और पी एच ई में उसके द्वारा कराए जा रहे काम की प्रमाणिक जानकारी मिलने के बाद इस बारे में पुष्टि करने के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को 3 बार पत्र लिखा गया था मगर किसी भी पत्र का आज तक जवाब नहीं मिला । जवाब नहीं मिलने के कारण टेंडर खोलने मै काफी विलम्ब हुआ । गुरुवार को भी टेंडर खोलने के लिए काफी दबाव बनाया गया ।टेंडर खुला तो दो काम का टेंडर प्रशांत मिश्रा को मिला है ।गलत जानकारी और झूठा शपथ पत्र प्रमाणित होने पर अमानत राशि जब्त करने और अनुवंध निरस्त करने का प्रावधान है।

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