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November 21, 2024 5:51 am

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प्रदेश भर के निर्माण ठेकेदार राज्य शासन के रॉयल्टी वसूली आदेश और भुगतान में देरी के खिलाफ लामबंद हुए ,काम बंद कर देने की चेतावनी दी

बिलासपुर- बाजार दर पर रायल्टी वसूलने के सरकारी आदेश के बाद प्रदेश भर के ठेकेदार लामबंद हो गए है और हर जिले में बैठक कर 22 फरवरी से काम बंद करने की चेतावनी भी दे दिए है ।बिलासपुर में सरकारी विभाग में काम करने वाले ठेकेदारों ने बैठक कर बाजार दर पर रायल्टी का विरोध किया है । बुधवार को आयोजित आपात बैठक में ठेकेदारों ने सरकार के थर्ड पार्टी चेकिंग और बेरोजगारों के ठेके को मैनुअल करने की मांग की है। जिस तरह से बस्तर में सरकार ने बेरोजगारों को पचास लाख तक का ठेका मैनुअल देने की घोषणा की उसी तरह प्रदेश भर में यह व्यवस्था की जाए ठेकेदारों ने रखरखाव की समय सीमा पर भी आपत्ति की है साथ ही नगर निगम और लोक निर्माण विभाग में भुगतान देर से होने का आरोप ठेकेदारों ने लगाया है।

प्रदेश ठेकदार संघ के अध्यक्ष विरेश शुक्ला ने कहा कि सरकार के नए आदेश से ठेकेदार परेशान है बाजार दर से रायल्टी नही दे सकते 22 तारीख पूरे प्रदेश में सरकार के इस आदेश के खिलाफ काम बंद हो जाएगा। बिलासपुर के पुराने ठेकेदार संजीव तिवारी का कहना है कि थर्ड पार्टी चेकिंग की आखिर जरूरत क्या है? सरकार अपने ही विभाग पर संदेह कर रही है ।बेरोजगारों को काम के लिए पहले पांच प्रतिशत भुगतान होता है जबकि यंहा बिलो टेंडर हो रहा है पचास लाख तक के मैनुअल ठेके प्रदेश भर में होना चाहिए।बैठक में कहा गया कि गौण खनिज रॉयल्टी छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राजपत्र में प्रकाशित दरें एवं बाजार दर की द्वारा निर्माण कार्यों में ठेकेदारों की जो कटौती की जा रही है वह व्यावहारिक नहीं है प्रदेश सरकार के द्वारा रॉयल्टी की दरों में की कटौती ठेकेदारो द्वारा स्वीकार है परंतु बाजार दर अनुचित है वर्तमान समय में स्टोन मेटल आदि की अगर बाजार दर से कटौती की जाएगी तो ठेकेदारों द्वारा निर्माणाधीन कार्यों का घर बेचकर भुगतान किया करना पड़ेगा ।इसके अलावा बिल से जीएसटी लेवल पर टैक्स एवं अन्य कटौतियों के अलावा 5 वर्ष 10 वर्ष का रखरखाव करना एक कुल मिलाकर इस प्रकार की कटौती शासन द्वारा की जा रही है इस परिस्थिति में निर्माण कार्य करना संभव नहीं है ।लोक निर्माण विभाग के निर्माण कार्यों में रखरखाव हेतु 5 वर्ष की समय सीमा लागू की गई है एवं जल संसाधन विभाग में 10 वर्ष की सीमा निर्धारित की गई है जो कि पुरी तरह अव्यवहारिक है जिसे संशोधित किया जाए अथवा प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना और एडीबी द्वारा जो निर्माण कार्य कराए जा रहे हैं उनमें रखरखाव हेतु विभाग द्वारा भुगतानकिया जाता है इस नियम को लागू किया जाए ।पी डब्लू डी में तृतीय पार्टी चेकिंग की शर्तें लागू की गई है प्रदेश के निर्माण ठेकेदारों में शर्त मंजूर है परंतु सीमा निर्धारित की जाए इसके अलावा की अतिरिक्त सुरक्षा निधि की राशि को थर्ड पार्टी चेकिंग में लाना अनिवार्य ना किया जाए निर्माण कार्य समाप्त होते ही सुरक्षा राशि को रिलीज किया जाए ।बैठक में यह भी कहा गया कि प्रदेश में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा एक नियम लागू किया गया है जैसे बेरोजगार लोगों को इस साड़ी में पंजीयन कराकर एवं 1 वर्ष में ब्लॉक स्तर पर 5000000 रुपए तक के निर्माण कार्य को करने की पात्रता होगी और सभी ठेकेदारों इस निर्णय का स्वागत करते हैं परंतु जिस प्रकार बस्तर क्षेत्र में 5000000 रुपए तक का निर्माण कार्य में मैनुअल टेंडर नियम लागू किया गया है इसी नियम को समस्त प्रदेश में लागू किया जाए। नगर निगम एवं लोक निर्माण विभाग में भुगतान को लेकर अत्याधिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है।इसलिए किसी भी कार्य के पूर्ण होते ही तत्काल भुगतान की व्यवस्था की जाए ताकि कार्य सुचारू रूप से हो सके ।बैठक में प्रमुख रूप से संजीव तिवारी संभागीय अध्यक्ष , राजकुमार तिवारी, अभिषेक सिंह, नगर निगम ठेकेदार संघ अध्यक्ष , दीपेंद्र सिंह अजितेश सिंह, विकास सिंह कोटा ,अजय अग्रवाल ,बॉबी खोखर, शेखर पाल ,बाला भोसले ,दिनेश चौधरी, मंटू वर्मा ,अशोक तिवारी, पवन अग्रवाल, रवि शंकर त्रिपाठी ,दीपक बुधौलिया, सुरजधर दीवान ,नीरज न सीने ,भानु मिश्रा, सुरजीत सिंह ,नरेश शुक्ला, गजन जयसवाल ,राजेश जा, हरीश राठौर, आलोक सिंह ठाकुर ,सुधीर शुक्ला, विकास गुप्ता, नूर मोहम्मद ,धर्मेश शर्मा, शक्ति सिंह ठाकुर आदि उपस्थित थे।

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