बिलासपुर । भाजयुमो के जिलाध्यक्ष निखिल केशरवानी, जिला उपाध्यक्ष रोशन सिंह एवं कोषाध्यक्ष इंशु गुप्ता तथा शहर के विभिन्न मंडल के भाजयुमो अध्यक्ष महर्षि बाजपेयी, मोनु रजक, आशीष तिवारी, नितिन छाबडा, मुकेश राव, वैभव गुप्ता ने जारी संयुक्त बयान में कहा है कि ढाई साल कांग्रेस की सरकार बने हो गया, कांग्रेस की अंदरूनी गुटबाजी से शहर में विकास कार्य ठप्प पड़े हुए हैं। माफिया राज पनप रहा है, चारों ओर अराजकता का बोलबाला है। जनता ने विकास की उम्मीदों पर विधायक को चुना लेकिन विधायक शैलेश पांडे की दिखावटी कार्यशैली से शहर में अवांछित तत्वों को बढ़ावा मिल रहा है। विधायक द्वारा ढाई वर्षो में कोई ऐसा कार्य नहीं है या कोई ऐसी उपलब्धि नहीं है जिसे शहर के विधायक यह बता सके कि, जनता के लिए मैंने यह काम किया। कानून और नियमों को अपनी जेब में रखकर सुर्खियों में बने रहने के लिए हंगामा करना शहर विधायक की फितरत है और विविध प्रकार की नौटंकी खड़ा करके जनता की सहानुभूति लेना उनकी कार्य शैली है। यही कारण है कि, बिलासपुर में मूल कांग्रेस के लोगो ने भी अपने ही विधायक से किनारा कर रखा है, परिणामस्वरूप आये दिन सिर फुटव्वल से जनता त्रस्त हो गई है। विधायक की व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा से पिछले महीनों ब्लॉक स्तर के पदाधिकारी को बहसबाजी और हंगामे के बाद पद से हटना पड़ा था। ऐसे ही पिछले सप्ताह यातायात सिपाही के साथ एक अन्य ब्लाक के पदाधिकारी के विवाद के संबंध में विधायक शैलेष पांडे हंगामा खड़ा करने खड़ा कर सुर्खियां बटोरने की कोशिश की । रेल्वे के ब्लॉक कांग्रेस पदाधिकारी के हालिया मामले में विधायक सप्ताह दिन तो चुप बैठे रहे, लेकिन जब पुलिस ने विधिवत कानूनी प्रोसिडिंग करते हुए कार्यवाही कर ली तो थाने में हंगामा खड़ा करके सुर्खियां बटोरने के लिए एक्टिव हो गए और दो साल पुराने मामले का हवाला देकर जिस पर अपराध दर्ज है पुलिस और कानून व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रहे है। उनका मकसद बखेड़ा खड़ा करके सुर्खियां बटोरना और लाइमलाइट में रहना है।
आजादी के बाद बिलासपुर की जनता ने विधायक के रुप में शहरवासियों ने प्रथम विधायक शिव दुलारे मिश्रा का कार्यकाल देखा, रामाचरण राय, श्रीधर मिश्रा, बी आर यादव से लेकर मूलचंद खंडेलवाल और अमर अग्रवाल का कार्यकाल देखा, लेकिन किसी भी जनप्रतिनिधि का कार्यकरण लोक गरिमाओ और विधायी परंपराओं के विपरीत नही रहा, जबकि वर्तमान विधायक अपनी नाटक नौटंकी से सहानुभूति लेकर छदम रूप धारण करके जनता के हितों में कार्य करने के बजाए केवल अपना उल्लू सीधा करने में लीन रहते है। जिलाध्यक्ष निखिल केशरवानी का कहना है कि विधायक शैलेष पांडे की ड्रामेबाजी को ढाई साल में जनता अच्छी तरह जान चुकी है,बचे ढाई साल में जनता दिन गिन रही है, ताकि ऐसे प्रतिनिधियों को सबक सिखाया जाए।
जिला उपाध्यक्ष रोशन सिंह एवं कोषाध्यक्ष इंशु गुप्ता ने कहा कि, एसपी साहब को लिखी हुई विधायक की झूठी निकली।एसपी का बयान आया है विधायक की चिठ्ठी उन्हे नहीं मिली। राज्य की सरकार को भी चाहिए कि, वे ऐसे जनप्रतिनिधियों के कारनामों पर ध्यान दें जो उनकी साख में रोज बट्टा लगाने का काम कर रहे हों। शहर की जनता विधायक की बनावटी एवम हंगामाई शैली से मायूस हो चुकी है। ऐसे ही प्रतिनिधियों की वजह से ढाई साल में ही कांग्रेस की सरकार से जनता का मोहभंग हो गया है।