बिलासपुर-छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी 2023 में पुनः सत्तारूढ़ होने की जुगत में है और इसके लिये कांग्रेस पार्टी बूथ प्रबंधन पर जोर दे रही है,मकसद साफ है आने वाले विधानसभा चुनाव में विधायक नही पार्टी चुनाव लड़ेगी,इस उद्देश्य की परिपूर्ति वो बूथ कमेटी को दुरुस्त कर,कर लेना चाहती है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने इसके लिये संभागीय बूथ प्रबंधन कमेटी का गठन कर संगठन के अनुभवी कांग्रेसी दिग्गजों को इस काम मे लगाने का फ़ैसला किया है।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व प्रदेश प्रभारी पी.एल.पुनिया तथा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम ने माथापच्ची कर प्रदेश के संगठन के जानकार कांग्रेसी दिग्गजों को इस काम मे बड़े ही सलीके से जुट जाने को कहा है।
बूथ प्रबंधन के लिये बनी कमेटी में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री एवम जांजगीर चाम्पा जिले के संगठन प्रभारी अर्जुन तिवारी को भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देते हुये पहले कोरबा जिले के कोरबा,रामपुर और कटघोरा विधानसभा का प्रभारी बनाये थे,परंतु अब उन्हें बिलासपुर जिले के कोटा और बिल्हा तथा गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के मरवाही विधानसभा का बूथ प्रबंधन का प्रभारी बनाये गये हैं।समझा जा रहा है कि श्री तिवारी के कार्यक्षेत्र में यह बदलाव उनके संगठन क्षमता तथा कार्यकुशलता को देखते हुये किया गया है।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा है कि भाजपा और जोगी कांग्रेस के दिग्गजों को उनके विधानसभा क्षेत्र में ही सिमटा कर हराने का है,ज्ञात हो कि बिल्हा विधानसभा क्षेत्र के विधायक श्री धरमलाल कौशिक छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष है और कोटा विधायक श्रीमती रेणु जोगी ,जोगी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पार्टी सुप्रीमो है,वहीं मरवाही विधानसभा को कांग्रेस अपने पास बनाये रखने के लिये अभी से रणनीतिक तैयारी में जुट गई है।प्रदेश महामंत्री श्री तिवारी को इन तीन महत्वपूर्ण विधानसभा के बूथ प्रबंधन का प्रभारी बनाये जाने को राजनीतिक विश्लेषक इसी नजरिये से देख रहे हैं।
आज प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्यालय राजीव भवन में हुयी बैठक में यह निर्णय लिया गया।