बिलासपुर । शहर एवं आसपास के इलाके में इन दिनों बिल्डरों द्वारा प्लॉट एवं कॉलोनी निर्माण बड़े पैमाने पर कराया जा रहा है इनमें से कई ऐसे भी हैं जो दूसरों की जमीन को अपनी जमीन में शामिल कर धड़ल्ले से निर्माण कार्य को अंजाम दे रहे हैं और जिनकी जमीन बिल्डरों ने निकल ली है वे सारे पीड़ित अपनी जमीन वापस दिलाने राजस्व विभाग के अधिकारियों और पटवारियों के चक्कर लगा रहे हैं इनमें से सर से लगे ग्राम खमतराई स्वर्णिम एरा आवासी कॉलोनी के निर्माण कर्ताओं पर भी इसी तरह के गंभीर आरोप लगे हैं जिसमें क्रेडाई के प्रमुख पदाधिकारी का भी नाम है। स्वर्णिमा एरा आवासी कॉलोनी निर्माणाधीन है और उसमें 16 लोगों ने आरोप लगाया है कि उनकी जमीन को इस निर्माणाधीन कॉलोनी में कब्जा कर लिया गया है। आश्चर्य तो यह है कि शिकायत के बाद नगर पालिक निगम के भवन अधिकारी द्वारा मैसर्स गीतांजलि कंस्ट्रक्शन को जारी कॉलोनी विकास अनुमति के तहत प्रदान की गई अनुज्ञा स्थगित कर दी गई है।( हालांकि निगम के भवन अधिकारी ने चालाकी पूर्वक अनुज्ञा स्थगित करने की जानकारी तो दी है मगर इसकी सूचना भूमि पंजीयन विभाग को नहीं दी है ) उसके बाद भी निर्माणाधीन कॉलोनी में धड़ल्ले से निर्माण कार्य किया जा रहा है।कालोनी के निर्माणाधीन स्थल के पास ही खुले स्वर्णिमा एरा के दफ्तर के कर्मचारियों ने स्वीकार किया है कि खरीदारों का बुकिंग और रजिस्ट्री की जा रही है जबकि अनुज्ञा स्थगित रहने के दौरान रजिस्ट्री और बुकिंग नही की जानी चाहिए ।
ग्राम खमतराई में जिनकी जमीनें हैं उनमें से 16 ऐसे लोगों ने अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को शिकायत कर कार्यवाही की मांग की है जिनकी जमीनें बिल्डर की कॉलोनी निर्माण की भेंट चढ़ गई है या यूं कहें कि बिल्डर ने पीड़ितों की जमीन दबा दी है। पीड़ितों ने शिकायत में कहा है कि बिलासपुर के पास ग्राम खमतराई जो अब नगर निगम सीमा में शामिल हो चुका है ।पटवारी हल्का नंबर 25 खसरा क्रमांक976/53एवम 976/57 गीतांजलि सिटी के पास निर्माणाधीन आवासी कॉलोनी स्वर्णिमा एरा में कॉलोनाइजर एवं बिल्डर एसआर साहू एवं भागीदार गीतांजलि कंस्ट्रक्शन नेहरू नगर के द्वारा हमारे समिति एवं हक की भूमि जिसका सीमांकन नियमानुसार राजस्व विभाग द्वारा हमारे पक्ष में किया गया है कूट रचना कर अवैध तरीके से दोष दिखाकर अपने कॉलोनी में शामिल कर उक्त भूमि के कुछ भाग को शासकीय विभाग में धोखा देकर बंधक रखकर संबंधित शासकीय कार्यालयों में नगर एवं ग्राम निवेश विभाग बिलासपुर एवं नगर पालिक निगम बिलासपुर के द्वारा कॉलोनी विकास की अनुज्ञा एवं अनुमति प्राप्त कर ली गई है एवं रेरा छत्तीसगढ़ रायपुर से भी पंजीयन प्राप्त कर लिया गया है इस संबंध में एसडीएम कार्यालय सहित संबंधित विभागों में पूर्व में भी कई बार शिकायत की गई है जिसके कारण नया तहसीलदार बिलासपुर को जांच टीम गठन करने हेतु लेख किया गया था जिसके तारतम में नायब तहसीलदार बिलासपुर द्वारा जांच टीम गठित की गई और जांच हेतु 22 जुलाई 2021 को जांच में शामिल राजस्व विभाग के साथ नगर निगम बिलासपुर और नगर एवं ग्राम निवेश विभाग के अधिकारी एवं पुलिस बल मौके पर उपस्थित हुए एवं शिकायत के आधार पर बहुत से शिकायतों की जांच की गई जो सही भी पाया गया परंतु गीतांजलि कंस्ट्रक्शन की तरफ से कोई उपस्थित नहीं होने एवं न हीं उनके द्वारा कोई दस्तावेज प्रस्तुत किए जाने से जांच टीम अपनी जांच पूरी कर पाने में असमर्थता दिखाई एवं आगामी दिनांक तक जांच को स्थगित कर दिया गया। इस जांच टीम की महत्वपूर्ण जांच का प्रतिवेदन 28 जुलाई को प्रस्तुत किया जाना था जो आज तक ना तो कोई प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया और ना ही आगामी जांच हेतु दिनांक तय की गई है इस प्रकरण को महत्व देते हुए हम लोगों के स्वामित्व व हक की भूमि में अवैध कब्जा होने से रोकने एवं हमारे हक की जमीन पर कब्जा दिलाने हेतु जांच टीम को अगली दिनांक तक नियत करने एवं अंतिम जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने हेतु तत्काल आदेशित करने का कष्ट करें।
शिकायत कर्ताओं में श्रीमती शांता चंद्राकर श्रीमती नीलिमा कश्यप रकबा 6125 वर्ग फुट, श्रीमती अनामिका साहू 5340 वर्ग फुट , मोहित राम साहू 3125 वर्ग फुट ,योगेश शुक्ला 1320 वर्ग फुट ,आशा शुक्ला 1320 वर्ग फुट, संगीता दीवान 2152 वर्गफुट ,सी डी दीवान 2152 वर्ग फुट, लक्ष्मी साहू 2604 वर्ग फुट ,रविंद्र सिंह 3660 वर्ग फुट, भानु प्रताप सिंह 2125 और 1675 वर्ग फुट, धर्मेंद्र कुमार सिंह 1560 वर्गफुत जय शंकर मिश्रा 36 00फुट फुट,श्रीमती संध्या दुबे 1736 वर्ग फुट ,अमरेंद्र कुमार सिंह 2080वर्गफुट, हरीश कोचर 2250 वर्ग फुट और सुशील मौर्य 3000 वर्ग फुट अपनी जमीन को बिल्डर से छुड़ाने की मांग की है।
शिकायत कर्ताओं ने अपनी शिकायत प्रमुख सचिव राजस्व एवं आपदा प्रबंधन ,कलेक्टर बिलासपुर ,आयुक्त नगर निगम बिलासपुर ,संयुक्त संचालक नगर एवं ग्राम निवेश आदि को भी किया है।
स्वर्णिमा एरा विवादित और चर्चित कालोनाजर कंपनी है ।इसके दफ्तर के बाहर भारतीय स्टेट बैंक और एच डी एफ सी बैंक के होर्डिंग लगाए गए है ।यानि इन दोनो बैंक से ऋण की सुविधा ली गई है ।आश्चर्य तो यह है कि यही बैंक वाले सामान्य आदमी को लोन देने के लिए असीमित दस्तावेजों को मांग कर महीनो घुमाते है मगर कोई कालोनाइजर आवेदन करे तो घर बैठे लोन मंजूर कर दिया जाता है । यानि यह पूछा जा सकता है कि ये रिश्ता क्या कहलाता है ?बैंक वालो और कालोनाइजर को विकास अनुज्ञा स्वीकृत करने वाले रेरा ,नगर एवम ग्राम निवेश तथा नगर निगम के अधिकारियों ने आवासीय कालोनी के निर्माण के लिए बताए गए भूमि की जांच परख नही की है ।
शिकायत कर्ताओं ने कांग्रेस नेता और बिल्डर ब्रजेश साहू के खिलाफ किए शिकायत में कहा है कि उसके द्वारा हमारे स्वामित्व और हक की भूमि को कूट रचना कर अवैध तरीके से अपने कॉलोनी में शामिल कर संबंधित शासकीय कार्यालयों नगर निगम एवं ग्राम निवेश तथा नगर निगम के द्वारा कॉलोनी विकास की अनु किया एवं अनुमति प्राप्त की गई है साथ ही रहना छत्तीसगढ़ से पंजीयन भी प्राप्त किया गया है हमारे द्वारा मेहनत और खून पसीने की कमाई से अपना घर बनाने का सपना देख कर बड़ी मुश्किल से यह भूमि का भाग खरीदा गया था जिस पर भविष्य में हमारे द्वारा भवनवा का निर्माण किया जाना है हमारे समित और हक की भूमि से संबंधित सभी दस्तावेज संलग्न है संबंधित खसरा नंबर 976 के भाग में हम लोगों द्वारा सीमांकन हेतु नियमानुसार राजस्व विभाग में आवेदन प्रस्तुत किया गया है जिसमें कुछ भूमि स्वामियों का सीमांकन सूचना तमिल पश्चात राजस्व विभाग द्वारा सीमांकन किया जा चुका है और सीमांकन प्रतिवेदन हमारे पक्ष में है कुछ सीमांकन प्रतिवेदन में राजस्व विभाग के राजस्व निरीक्षक द्वारा साफ-साफ उल्लेख किया गया है कि खसरा नंबर 976 का राजस्व अभिलेख में कुल 72 भागों में बांटा गया है किंतु चालू नक्शा सीट में कोई भी बटन दर्ज नहीं है इसके अलावा हमारे कुछ प्लाट उक्त खसरा 976 में का सीमांकन हेतु राजस्व विभाग में आवेदन लंबित है जिसका फायदा उठाकर बृजेश साहू भागीदार मिश्र गीतांजलि कंस्ट्रक्शन द्वारा कूट रचना कर अवैध तरीके से अपनी सुविधा एवं फायदा के लिए स्वयं ही बनकर अपने ही लोगों की उपस्थिति में बहुत से भूमि का सीमांकन प्रतिवेदन बनवा कर अवैध तरीके से कूट रचना कर उक्त कॉलोनी हेतु विकास एवं अनुमति प्राप्त कर स्वर्णिमा आवासी कॉलोनी का तेजी से निर्माण एवं विकास किया जा रहा है इसके संबंध में पूर्वी संबंधित विभागों को कई बार शिकायत किया जा चुका है