वाह सॉलि़ड वेस्ट में क्या सॉलिड करप्शन है?
बिलासपुर ।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के
स्वच्छ भारत अभियान योजना को बिलासपुर नगर निगम में सफाई का ठेका लिए कंपनी ने कैसा पतीला लगाया और करोड़ो की वसूली कर ली इसका खुलासा निगम सभापति ने कल जब सफाई गाड़ियों को पकड़ा तब हुआ ।इसके पहले भी दो पार्षदों ने मामला पकड़ पुलिस के हवाले किया था मगर निगम के अधिकारियों ने फोन करके गाड़ी छुड़वा लिया था यानी इस गोरख धंधा में निगम के अधिकारी भी शामिल है ।
शहर का कचरा उठाने का ठेका लिए कंपनी ने वजन बढ़ाने के लिए कचरा में मिट्टी और मलमा डालता रहा और नगर निगम से हर माह करोड़ो का भुगतान लेता रहा ।कंपनी द्वारा यह गोरख धंधा कब से किया जा रहा था यह तो पता नहीं लेकिन सभापति ने मामला पकड़ा तो उस कंपनी पर जुर्माना ठोक कर नोटिस जारी कर दिया गया है ।,
इस बारे भाजपा नेता और पूर्व एल्डर मेन मनीष अग्रवाल ने कहा कि नगर पालिक निगम को स्मार्ट सिटी का दर्जा मिला परंतु शहर स्मार्ट की जगह स्मार्ट गांव की तर्ज पर जाता नजर आ रहा है इसी कड़ी में सॉलि़ड वेस्ट मैनेजमेंट घर-घर कचरा उठाना और उसके एवज में जनता से रेशिडेंशियल और कमर्शियल यूजर चार्ज लेना यह नगर पालिक निगम के बड़े भारी टेंडर प्रावधान में शर्तों और नियम के अनुसार लगभग 6 वर्ष पूर्व शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने की परिकल्पना को लेकर सॉलि़ड वेस्ट मैनेजमेंट योजना के तहत सूखा और गीला कचरा रखने के लिए हरा और नीले रंग का डस्टबिन भी दिया गया ।कचरा उठाने के लिए रामके कंपनी को ठेका दिया गया था शुरुआती दौर में इस योजना का क्रियान्वयन काफी बखूबी ढंग से निष्पादित किया जा रहा था लोग इस योजना की सराहना भी कर रहे थे परंतु जैसे-जैसे समय बदलता गया सत्ता परिवर्तन होता गया इस प्रकार की योजनाओं में बेलगाम गाड़ी की तरह लड़खडाने लगी योजनाएं कचरा शहर का एकत्रित कर अलग-अलग जगहों पर इकट्ठा करना और फिर उस कचरे को बड़े वाहन के द्वारा कछार में बने डंपिंग यार्ड में डंप करना यह कचरा अनलोड करने से पहले उसकी मापदंड तौल गाड़ी का किया जाता है के लिए कछार डंपिंग यार्ड में धर्म कांटा भी लगा हुआ है और बकायदा इसका रिकॉर्ड बनाया जाता है। रिकॉर्ड के अनुसार इनका पेमेंट भी नियम और शर्तों के अनुसार किया जाता है। गाड़ी में शहर से उठाया गया कचरा ही डंपिंग यार्ड जाए इस बात का स्पष्ट रूप से प्रावधान है ना कि इसमें मिट्टी, मालवा ईटा ,पत्थर परंतु सरकारी पैसे को लूटना और बंदरबांट करना यह खेल खेला जाना जनता के पैसे का जनता के द्वारा किए गए टैक्स के पैसों का दुरुपयोग धोखा है, ठेका कंपनी को लगभग हर माह,एक करोड़ ₹500000 ,,की राशि का भुगतान इन कार्यों को निष्पादित करने हेतु बिलासपुर नगर पालिक निगम के द्वारा किया जाता है परंतु आंख में पट्टी बांधकर इस प्रकार के भुगतान सरकारी दफ्तरों में कर दिए जाते हैं इसका साक्षात प्रमाण 29सितंबर को व्यापार विहार से कचरा बड़ी गाड़ियों में डंपिंग यार्ड ले जा रहे गाड़ियों को सिर्फ कचरा ही नहीं उसमें वजन तौल बढ़ाने हेतु मलमा और मिट्टी डालकर भ्रष्टाचार कर रहे ठेका कंपनी और नगर निगम के मातहत लोगों को जिस प्रकार से जनप्रतिनिधियों के द्वारा पकड़ा गया और इन पर 1000000 रूपया का जुर्माना राशि भी किया गया, परंतु इस छोटे से जुर्माने से क्या इस प्रकार के भ्रष्टाचार पर विराम लग जाएगा क्यों न ऐसी कंपनी ऐसे भ्रष्टाचारी लोगों के ऊपर कानूनी कार्यवाही दंडात्मक कार्यवाही के साथ-साथ ठेका कंपनी के कार्य चालू होने की अवधि से भ्रष्टाचार पकड़े जाने तक की अवधि समय तक की राशि के अनुरूप जुर्माना लगा कर वसूला जाए ताकि ऐसी भ्रष्ट कंपनियां आगे इस प्रकार के कार्य फिर से ना कर सके। इसके लिए बिलासपुर नगर पालिक निगम की वर्तमान सत्ताधारी दल और एमआईसी से प्रस्ताव पास करते हुए ऐसी कंपनी को ब्लैक लिस्टेड किया जाना चाहिए ताकि इतनी बड़ी हिम्मत और कोई कंपनी न कर सके ।
उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान के लिए जिस प्रकार से हर जगह हर ,गांव तहसील शहर में लोग जन जागरण कर एक दूसरे को प्रेरित करते हैं और दूसरी तरफ इस प्रकार के लोग ऐसे कंपनियां इस तरह के महत्वपूर्ण और देशव्यापी अभियान को पतीला लगाते हुए भ्रष्टाचार कर अपना जेब गर्म करते हैं। इस पूरे मामले पर दोषी लोगो और कंपनी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए भारत सरकार शहरी विकास मंत्रालय ,,मंत्री एवं प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री,, को ट्वीटर के माध्यम से शिकायत कर इस प्रकार की कंपनी को बंद करने की मांग की गई है ।