


बिलासपुर ।नवीन शासकीय महाविद्यालय सकरी मैं आज विश्व मानव अधिकार एवं छत्तीसगढ़ के प्रथम क्रांतिकारी अमर शहीद वीर नारायण सिंह के बलिदान दिवस पर आज नमन वंदन कार्यक्रम संपन्न हुआ l
कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना एवं अरपा पैरी के धार छत्तीसगढ़ राज्य गीत के साथ महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉक्टर एसएल निराला एवं पूर्व माध्यमिक कन्या शाला,प्राथमिक कन्या शाला के प्रधान पाठक विजय मरकाम ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर पूजा कर शुरू की।
इस अवसर पर कुमारी प्रार्थना शर्मा, शालू भार्गव , बी एस सी प्रथम वर्ष ने सरस्वती बंदना की। सचित्रा कुर्रे, स्वेता साहू बी ए प्रथम ने अरपा पैरी के धार छतीसगढ़ी राज्य गीत का सस्वर गान किया। श्री विजय मरकाम ने बलिदान दिवस पर “सोनहा धाने के अंग, अंचरा तोरे डोलावे पुरवइया”कहकर शाहिद वीर नारायण सिंह को नमन किया।रेहांत सिद्धिकी ,प्रशिक्षु शिक्षक ने अमर शहीद की बलिदानी के इतिहास को रेखांकित किया।कक्षा 6की की बालिकाओं ने कविता पाठ किया।
प्रमुख वक्ता के रूप में बिलासा शासकीय कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य एवम नवीन शासकीय महाविद्यालय सकरी बिलासपुर के प्रभारी प्राचार्य डॉ एस एल निराला ने विश्व मानवाधिकार दिवस के इतिहास को रेखांकित करते हुवे सपस्ट किया कि संयुक्त राष्ट्र ने मानव अधिकार के साथ खुशहाली के साथ जीवन जीने के अधिकार दिए हैं।उन्होंने कहा कि विषम से विषम परिस्थितियों में भी हमें जिंदगी को मुस्कुराते हुवे जीने की कला को आत्मसात करना चाहिए,।”जिंदगी उसी का नाम है,जो मुस्कुराना सीख ले”।

डॉ निराला ने कहा कि छत्तीसगढ़ के इतिहास में छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वतंत्रता आंदोलन के सेनानी वीर नारायण सिंह जी आदिवासी समुदाय के बिझवार जाति के थे,उन्होंने अंग्रेजो के साथ अपने 500सिपाहियों का दल बनाकर जो लड़ाई लड़ी उसी का परिणाम आज सुगघर छत्तीसगढ़ हमे देखने को मिल रहा है।वे गरीबों के जन नायक थे ,सोनहखान के बहुचर्चित इस अमर शहीद को रायपुर के जय स्तंभ चौक पर अंग्रेजो ने उन पर दोषारोपण लगाकर आज ही के दिन फांसी की सजा दी। पर उनकी इस बलिदानी को हम कभी नहीं भूलेंगे,उन्हें नमन है,वंदन है।
कार्यक्रम का संचालन महाविद्यालय के हिंदी विभाग के प्राध्यापक डॉ फूलदास महंत ने की। इस अवसर पर नगर के वरिष्ठ नागरिक भी उपस्थित हुवे, तथा कॉलेज स्टॉफ और स्कूल स्टॉफ के सुनंदा कश्यप,बरखा हलवाई,मधु यामिनी सोनी,भावेश देवांगन,, लक्ष्मी देवांगन दीप्ति निकुंज किरण एवं जे जायसवाल, एन,तिवारी, एन खोबरागड़े, एस नेताम,मनीषा युके, मुक्ता वैष्णव,रश्मि दुबे,सोनू श्रीवास एवम 100छात्र/छात्राएं उपस्थित हुवे।
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