दो दिवसीय अखिल भारतीय बैंक हड़ताल सफल
बिलासपुर ।यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के आव्हान पर चार अधिकारियों व पांच कर्मचारियों की यूनियनों से सम्बंध समस्त सदस्य आज सुबह 8 बजे से 48 घण्टों की हड़ताल पर चले गए है।
आज प्रातः 10 बजे केनरा बैंक, मंगला शाखा, 36 मॉल के सामने सरकार द्वारा बैंकों के निजीकरण के प्रस्तावित विधेयक के विरोध में श्री शरद बघेल व सौरभ त्रिपाठी के नेतृत्व में हड़ताल, धरना व जंगी प्रदर्शन हुआ।
11 बजे स्टेट बैंक के सामने प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए ट्रेड यूनियन कौंशिल के महासचिव कामरेड राजेश शर्मा ने बताया कि हाल ही में सरकार द्वारा वापिस लिए गए कृषि कानूनों को लाने से पहले सरकार द्वारा 2022 तक किसानों की आय दुगुना करने का सपना दिखाया गया और उसके बाद में तीन कृषि कानून लाये गए । किसानों को समझ में आ गया कि इन कानूनों से उनका क्या फायदा या नुकसान होने वाला है और वो दिल्ली के बोर्डरों पर आकर जम गए और जब तक कृषि कानून वापिस नहीं लिए गए तब तक मजबूती से इसके विरोध में डटे रहे ।
एटक के कामरेड पवन शर्मा ने बताया कि हाल ही में सरकार द्वारा एक कार्यक्रम करके डिपॉजिट इंश्योरेंस पर विज्ञान भवन में एक कार्यक्रम आयोजित करके देश के लोगों को ये बताया गया कि आपके बैंकों में जमा पूंजी को कोई खतरा नहीं है क्योंकि 5 लाख तक की राशि का बीमा है । इसी के साथ शीतकालीन सत्र में banking amendment bill लाने की तैयारी की गई है ताकि सरकारी बैंकों को प्राइवेट करने का रास्ता साफ किया जा सके । डिपॉजिट इंश्योरेंस के कार्यक्रम के द्वारा देश के लोगों को ये समझाने की कोशिश की गई कि बैंकों के निजीकरण के बाद उनकी जमा राशि सुरक्षित है ।
छत्तीसगढ़ बैंक एम्पलाइज एशोसिएशन के सहायक महासचिव द्वय कामरेड मनोज मिरी व कामरेड प्रल्हाद अग्रवाल ने बताया कि देश के नागरिकों को क्रोनोलॉजी समझने की जरूरत है — “किसानों की आय दुगनी होना” और “5 लाख तक की बैंकों में जमा राशि का बीमा होना” ।
अशोक ठाकुर व शैलेन्द्र गोवर्धन ने बताया कि आजादी से पहले 300 से ज्यादा निजी बैंकों के डूबने और दीवालिया होने के मामले हैं और उनके डूबने से उन बैंकों में जिन ग्राहकों के पैसे जमा थे उन्हें नुकसान उठाना पड़ा था और हाल ही में PMC bank और YES bank दो ताजा उदाहरण है जिनके ग्राहकों ने किन परिस्थितियों का सामना किया था ।
राजेश रावत व श्रवण मिश्रा ने बताया कि इस देश के उन नागरिकों को सोचना होगा जिनकी जिंदगी भर की कमाई इन सरकारी बैंकों में जमा है जिनको प्राइवेट करने पर विचार किया जा रहा है तथा दूसरी सरकारी बैंकों के ग्राहकों को अपनी बारी का इंतजार किए बिना सोचना चाहिए कि आज किसी दूसरे का नंबर है तो कल हमारा होगा ।
केनरा बैंक के श्री शरद बघेल व सौरभ त्रिपाठी ने बताया कि बैंकों के निजीकरण करने के सरकार के फैसले के विरोध में अभी बैंक में कार्यरत अधिकारी एवं कर्मचारियों के द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है और इसी संबंध में दिनांक 16 एवं 17 दिसंबर को दो दिवसीय हड़ताल जारी है । क्योंकि निजीकरण, बैंको में कार्यरत अधिकारी एवं कर्मचारियों के हितों के खिलाफ तो है ही साथ में इस देश के लोग जो इन बैंकों के ग्राहक हैं उनके हितों के खिलाफ भी हैं ।
जितेंद्र शुक्ला व दीपक साहू ने बताया कि हड़ताल इस देश की सरकारी संपत्ति बचाने के लिए है और इस देश की जनता के लिए है । इस देश के सभी नागरिकों को इस मुहीम से जुड़कर इसे सफल बनाना चाहिए ।
अमृता सिंह, नेहा जुनेजा, बलविंदर कौर, शैली गुप्ता, जावेद अहमद सुलतान, कमलेश सिंह, विजय कुमत आदि बड़ी संख्या में बैंकर्स उपस्थित थे। कल सुबह 10 बजे पुनः 36 मॉल के सामने एकत्रित होकर विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे।
ऑल इंडिया इन्श्योरेंस एम्पलाइज एशोसिएशन व इंडियन रेल्वे एम्पलाइज फेडरेशन सहित विभिन्न संगठनों ने दो दिवसीय अखिल भारतीय बैंक हड़ताल को नैतिक समर्थन दिया हैं।
बैंकर्स क्लब बिलासपुर के समन्वयक ललित अग्रवाल ने आम जनता को दो दिवसीय हड़ताल से होने वाली असुविधा हेतु क्षमा याचना करते हुए जनहित में की गई हड़ताल को समर्थन देने के आग्रह किया हैं।