बिलासपुर । समर्थन मूल्य पर धान खरीदी करने वाले केंद्रों में धान का परिवहन करने के मामले में बिलासपुर जिला भले ही प्रथम है लेकिन जिले में ही कई धान खरीदी केंद्र ऐसे हैं जहां क्षमता से अधिक धान रखे हुए हैं और मिलरो तथा ट्रांसपोर्टरों द्वारा के जानबूझकर परिवहन नहीं किया जा रहा है। परिवहन यदि किया जा रहा है तो बहुत धीमी गति से हो रहा है ।बिलासपुर जिले के अंतिम छोर में स्थित सेवा सहकारी समिति कर्मा के धान खरीदी केंद्र का भी यही हाल है इस खरीदी केंद्र में अधिकतम क्षमता 5000 क्विंटल धान रखने की है लेकिन परिवहन के अभाव में यहां धान 20000 क्विंटल धान रखा हुआ है और मिलरो द्वारा धान का परिवहन नहीं किया जा रहा है ।जिला विपणन कार्यालय से मिलर को डी ओ जारी होने के बाद भी परिवहन करने में बहुत विलंब किया जा रहा है जिसके चलते धान खरीदी केंद्र कर्मा में 20000 क्विंटल धान जाम हो गया है जबकि यहां की अधिकतम क्षमता 5000 ही है परिवहन में हो रही लेटलतीफी के चलते यदि मौसम खराब हो जाए और बारिश होने लगे तो 20000 क्विंटल धान का क्या होगा ?यदि बारिश से धान खराब होता है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा? धान का परिवहन करने वाले ट्रांसपोर्टर और डीलरों की मिलीभगत से मोटा धान का जानबूझकर देरी से उठाव किया जाता है और पतला धान के उठाव में प्राथमिकता दी जाती है ।इसी के चलते कर्मा खरीदी केंद्र में धान का उठाव जल्दी नहीं किया जा रहा है और जानबूझकर विलंब किया जा रहा है ।जिला विपणन अधिकारी द्वारा ऐसे धान खरीदी केंद्रों का औचक निरीक्षण किया जाना चाहिए जहां क्षमता से अधिक धान का स्टॉक उठाव के अभाव में जाम पड़ा हुआ है।
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Wed Jan 5 , 2022