–बिलासपुर । विश्वविद्यालयों में कुलपति की नियुक्ति को लेकर छत्तीसगढ़िया और गैर छत्तीसगढ़िया के मुद्दे पर राज्य सरकार और प्रदेश की राज्यपाल के बीच काफी अरसे से तीखे बयान बाजी होती रही है मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे तो इस मुद्दे पर खुलकर सामने आ गए थे इसका असर यह हुआ कि राज्यपाल एवं विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति सुश्री अनुसुइया उइकी ने आखिरकार इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपति पद पर खाटी छत्तीसगढ़िया डॉ गिरीश चंदेल की नियुक्ति कर विवाद को समाप्त करने की पहल की है डॉ गिरीश चंदेल इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर में विभागाध्यक्ष डिपार्टमेंट ऑफ प्लांट मालिक्युलर बायोलाजी एवम बायो टेकनालाजी के पद पर कार्यरत हैं ।यह उल्लेखनीय है कि आज से ठीक एक साल पहले प्रदेश के यूनिवर्सिटी में बाहरी प्रदेशों के लोगो को कुलपति बनाए जाने को लेकर हमने अपने वेव पोर्टल सीबीएन 36 और दैनिक पायनियर में विस्तार से लिखा था कि किस तरह राजनैतिक दल द्वारा अपने लोगो को उपकृत करने बाहरी लोगो की नियुक्तियां की जा रही है ।दैनिक पायनियर में साल भर पहले हमारे द्वारा प्रकाशित खबर की कटिंग को हम यहां दे रहे पढ़ें और विचार करें ।
राज्यपाल एवं कुलाधिपति अनुसुईया उइके ने डॉ. गिरीश चंदेल, विभागाध्यक्ष, डिपार्टमेंट ऑफ प्लांट मॉलिक्यूलर बॉयोलॉजी एवं बॉयोटेक्नोलॉजी, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर को इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया है। यह नियुक्ति इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय अधिनियम, 1987 (क्रमांक 20 सन् 1987) की धारा 14 की उपधारा (1) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए की गई है। इस संबंध में आज आदेश जारी किया गया।
उल्लेखनीय है कि डॉ. गिरीश चंदेल, देश के प्रख्यात पौध प्रजनक और जैव प्रौद्योगिकी के वैज्ञानिक हैं। छत्तीसगढ़ के सिमगा, हथबंद के ग्राम-कुकरा चुन्दा के मूल निवासी डॉ. चंदेल को कृषि शिक्षा अनुसंधान और विस्तार प्रबंधन का 30 वर्षों का अनुभव है, जिसमें 07 वर्षों का अनुभव विशेष रूप से सूखे और पोषण अनुसंधान के लिए अत्याधुनिक स्टेट ऑफ आर्ट बुनियादी सुविधाओं के निर्माण और पोषण प्रबंधन पर रहा है। डॉ. चंदेल को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनुसंधान एवं विकास कार्यों का वृहद अनुभव है। उन्होंनेे इंटरनेशनल जेनेटिक इंजीनियरिंग एवं बॉयोटेक्नोलॉजी सेंटर में पी एच.डी. फेलो तथा इंटरनेशनल राईस रिसर्च इंस्टीट्यूट में विजिटिंग वैज्ञानिक के रूप में कार्य किया है।