बिलासपुर। छत्तीसगढ जनता कांग्रेस के सुप्रीमों व पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की जाति को लेकर उच्च स्तरीय छानबीन समिति की रिपोर्ट आने के बाद जोगी के अधिवक्ता ने नई याचिका दायर कर दिया है । समिति के खिलाफ पूर्व में दायर याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है । सरकार की ओर से अधिवक्ताओं ने जवाब पेश करते हुए बताया कि छानबीन समिति का अंतिम फैसला आ गया है। इसलिए यह प्रकरण कोर्ट में चलने योग्य नहीं है।
मालूम हो किउच्च स्तरीय जाति छानबीन समिति के समक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी अपने अधिवक्ता के साथ 20 अगस्त को उपस्थित हुये थे। बताया जाता है कि इस दौरान आवेदन प्रस्तुत कर अजीत जोगी के विरूद्ध प्रस्तुत सबूत की जानकारी मांगी गई थी, लेकिन समिति से जानकारी नहीं मिली। इसके बाद अजीत जोगी हाईकोर्ट पहुंच गये थे। उक्त याचिका पर सुनवाई के पहले उच्च स्तरीय छानबीन समिति ने राज्य शासन को अपनी रिपोर्ट दे दी। जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के कंवर आदिवासी होने के प्रमाण पत्र को खारिज कर दिया है। मालूम हो कि 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ की तत्कालीन भाजपा सरकार को पूर्व आईएएस अधिकारी जोगी की जाति का पता लगाने के लिए एक कमेटी गठित करने का निर्देश दिया था। जून, 2017 में कमेटी ने अपनी जांच में जोगी को आदिवासी नहीं माना। इसके खिलाफ जोगी हाई कोर्ट पहुंच गए। 2018 में छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के आदेश के बाद दूसरी बार उच्च स्तरीय छानबीन समिति का गठन किया गया था।दूसरी बार गठित की गई उच्चधिकार छानबीन समिति ने भी दो दिन पहले यह साफ कर दिया है कि अब जोगी के लिए अनुसूचित जाति के लाभ की पात्रता नहीं होगी।