बिलासपुर । संविदा नियुक्ति की तिथि खत्म हो जाने के बाद कार्यकाल नही बढ़ाये जाने के पश्चात भी कई कर्मचारियों को वेतन देने का अजूबा महिला एवं बाल विकास विभाग में ही हो सकता है । भाजपा शासनकाल में मनमानी करने वाले अधिकारी राज्य में सत्ता बदल जाने के बादभी पहले की तरह बेझिझक होकर भर्ती से लेकर बिना काम के वेतन देने जैसे हथकंडे छोड़ नही रहे । कांग्रेस के नेताओं को इसकी भनक तक नही लग रही है ।
महिला एवं बाल विकास विभाग बिलासपुर जिला कार्यालय द्वारा विभाग में संविदा नियुकित में रखे गए 23 कर्मचारियों जिनकी 2 वर्ष का कार्यकाल 2018 में ही समाप्त हो गया है उन्हें दरियादिली दिखाते हुए उनके कार्यकाल को एक वर्ष बढ़ा दिया गया है । इन संविदा में नियुकित एक महिला जिसकी नियुक्ति भाजपा शासनकाल में हुई थी रायपुर से रोजाना आना जाना करती है । अधिकारियों का भाजपा से मोहभंग नही हो पा रहा है और राजनैतिक आधार पर नियुक्त किये गए संविदा कर्मियों का कार्यकाल निर्धारित 2 वर्ष समाप्त हो जाने के बाद भी पता नही किस आधार पर और किन नियमों के तहत उनको एक वर्ष का अवसर क्यों दिया जा रहा है ?
देखे उन कर्मचारियों की सूची जिनका कार्यकाल 2018 में समाप्त हो जाने के 6से 8 माह बाद उनका कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ाया गया तो क्या संविदा अवधि समाप्त हो जाने के बाद भी 6 से 8 माह तक उन्हें वेतन दिया जा रहा था यदि हाँ तो किस मद से ?
यही नही कई ऐसे भी कर्मचारी है जिनका कार्यकाल बढ़ा तो नही है मगर उन्हें वेतन दिया जा रहा है । ये कर्मचारी हैं-बाल सम्प्रेषण गृह के अकाउंटेंट दुर्गेश साहू ,आउटरीच वर्कर वीरेंद्र कुर्रे व सहायक रसोइया कुसुमलता कुर्रे के अलावा बालिका सम्प्रेषण गृह के भी कुछ कर्मचारी है ।
अभी कुछ और कर्मचारियों की भर्ती के लिए सूचना निकाली गई है । पदों का विवरण आप खुद देख लें ।महिला चिकित्सक से लेकर संगीत टीचर व कई और भी पद है । चिकित्सक का वेतन सिर्फ 15 हजार है । इन पदों की भर्ती के लिए कलेक्टर से अनुमोदन कराकर भर्ती कैसे लोगो का किय्या जाता है यह विभाग के अधिकारी अच्छी तरह जानते है ।