– दिन दहाड़े कार रोककर हिस्ट्रीशीटर संजू त्रिपाठी की गोली मारकर हत्या कर देने के मामले में रहस्य परत दर परत खुलते जा रहे हैं हालांकि हत्यारे अभी तक नहीं पकड़े जा सके हैं लेकिन कई सवाल भी उठ रहे हैं मृतक संजू त्रिपाठी अपने आप को कांग्रेस का महामंत्री बताते हुए अपनी कार में लिखवा कर कई साल तक फराटे घूमता रहा लेकिन कांग्रेस के किसी भी नेता ने इसका प्रतिकार नहीं किया और अब जब उसकी हत्या हो चुकी है कांग्रेस के पदाधिकारी बयान दे रहे है कि संजू त्रिपाठी कांग्रेस का कभी कोई पदाधिकारी नहीं रहा । कांग्रेस के पदाधिकारी अब जागे है ।वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्रीमती पारुल माथुर विधि ने भी खुलासा कर दिया है कि मृतक कांग्रेस का कोई पदाधिकारी नहीं था बल्कि वह हिस्ट्रीशीटर था जिसके खिलाफ शहर के विभिन्न थानों में कई गंभीर अपराध के प्रकरण दर्ज हैं ।मध्यप्रदेश में भी उस पर हत्या का मामला दर्ज हुआ था ।बड़ा सवाल यह भी है कि पिछले कई वर्षों से उसके खिलाफ भया दोहन ,मारपीट धमकी चमकी, हत्या के प्रयास जैसे अनेक अपराध का मामला पुलिस थानों में दर्ज है मगर यह खुलासा उसकी हत्या के बाद हो सका है। संजू त्रिपाठी की हत्या में निसंदेह नजदीकी लोगों का हाथ हो सकता है साथ ही पेशेवर लोगों को हत्या की सुपारी दिया जाना प्रतीत होता है ऐसे में कानून व्यवस्था पर सवाल उठाना उचित जान नहीं पड़ता। कुछ नेताओं ने न्याय धानी और पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठा रहे है लेकिन 11 साल पहले पत्रकार सुशील पाठक की इसी तरह दिसंबर महीने में गोली मारकर हत्या की गई थी उसके आरोपी क्यों नहीं पकड़ाए यह बताने के लिए कोई नेता सामने नहीं आ रहा है ।एक हिस्ट्रीशीटर जिसका खुद के परिवार में विवाद की स्थिति और हत्या का प्रयास जैसे वारदात को अंजाम दिया जाता है तो फिर वह निजी रंजिश की श्रेणी में आता है ।उससे तत्कालिक तौर पर कानून व्यवस्था पर सवाल उठाया जाना उचित प्रतीत नहीं होता । न्यायधानी में जमीन कारोबारी करने वाले लोग किसी एक पार्टी से ही ऐसा नहीं है कांग्रेसी और भाजपा के भी अनेक नेता जमीन कारोबारी से जुड़े हुए हैं और राजनीतिक दबाव ही बनाते हैं भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में 15 साल तक भाजपा के अनेक नेताओं ने शहर से लगे एरिया में अनेकों जमीन की खरीदी बिक्री की है अब अंग्रेज शासन काल में भी पार्टी के कई नेता जमीन कारोबार से जुड़े हुए हैं तथा विवाद का सबब बनते जा रहे हैं पुलिस को और राजस्व विभाग को यह सब दिखना चाहिए कि किस किस पार्टी के कौन-कौन नेता जमीन कारोबारी है और गैर कानूनी ढंग से जमीन पर कब्जा कर खरीदी बिक्री कर रहे हैं। राजनैतिक पहुंच का धौंस बताकर विवादित जमीनों की खरीदी बिक्री भी बड़े पैमाने पर हो रही है जिस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है ।अगर ऐसे तत्वों पर कार्रवाई समय रहते नही होती है तो जमीन विवाद को लेकर आगे भी गंभीर घटनाएं हो सकती हैं।
बताया जा रहा है संजू त्रिपाठी के लिए ब्रेकर मौत का कारण बना ।ब्रेकर में कार धीमी करते ही संजू के ऊपर लगभग 8 से 9 राउंड फायरिंग की गई है। जिससे की चालू गाड़ी में ही संजू की मौके पर मौत हो गई।
सिविल लाइन थाना अंतर्गत कुदुदंड में रहने वाला संजू त्रिपाठी शुरू से ही आदतन अपराधी रहा है । जिसके ऊपर अलग अलग थाना में दर्जनों केस दर्ज है। सिविल लाईन की ही बात करें तो आंकड़ों के मुताबिक संजू के ऊपर सिविल लाइन थाना में ही 27 मामले दर्ज है।