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November 21, 2024 10:05 am

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धान खरीदी में भाग्य का बली बने भस्मासुर के खिलाफ कार्रवाई आखिर कैसे हो और कौन करे?बैंक से लेकर पंजीयक तक उसकी पहुंच है,कांग्रेसी नेता उसके संरक्षक बन बैठे है,पूरे परिवार ,रिशेतेदारो को रेवड़ी की तरह नौकरी बांट दिया है

बिलासपुर। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के समय उपार्जन केंद्रों के अधिकांश कर्मचारियों और समिति प्रधान प्रबंधकों के लिए त्यौहार जैसा माहौल रहता है लेकिन मस्तूरी क्षेत्र का एक ऐसा शख्स भी है जो भाग्य से बलि तो है ही वह पूरे विभाग के लिए भस्मासुर भी बन गया है ।इस भस्मासुर को हटाने के लिए क्या कुछ नहीं हुआ लेकिन इसका बाल बांका भी नहीं हो पा रहा है ।भाग्य का बली यह भस्मासुर अपने धतकर्म में अपने पूरे परिवार को भी नौकरी पर लगा रखा है ।अगर इसकी तह तक जाकर घोटालों की निष्पक्षता पूर्वक जांच की जाए तो जिस तरह संजू त्रिपाठी हत्याकांड में पूरे परिवार को जेल जाना पड़ा है उसी तरह इस भाग्य के बली का पूरा परिवार भी जेल के शिकंजे में जा सकता है लेकिन सत्तारूढ़ दल के ऐसे नेता जो लोकसभा का चुनाव लड़ चुका है और विधानसभा चुनाव की भी तैयारी में लगा हुआ है के द्वारा इस भाग्य के बली भस्मासुर को बचाने में जी जान लगा दिया है ।लगातार शिकायतों और बदनामी को ध्यान में रखते हुए जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अध्यक्ष प्रमोद नायक ने इस भाग के बली भस्मासुर को अंततः मस्तूरी से हटाकर बिलासपुर जिले के सबसे आखरी सीमा में अर्थात कोरबा जिले के पोड़ी उपरोड़ा में तबादला करने का आदेश जारी करने बैंक के संबंधित अमले को निर्देशित किया लेकिन इस भाग्य के बली का जिला सहकारी बैंक मुख्यालय बिलासपुर में ऐसा सामंजस्य है कि बैंक अध्यक्ष का आदेश भी किनारे हो गया ।कई दिनों तक तबादला आदेश जारी नही होने से भन्नाए बैंक अध्यक्ष ने बैंक ने अमले ने बुलाया और तीव्र नाराजगी जताते हुए तत्काल तबादला आदेश बनाकर लाने को कहा तब कही जाकर आदेश जारी हुआ लेकिन इस भाग्य के बली ने जयराम नगर केंद्र का प्रभार नहीं सौंपा उसके बदले में जिस कर्मचारी को प्रभार लेने आदेशित किया गया है उसने भी यह कहते हुए हाथ खड़े कर दिया है कि वह सामान्य ढंग से तबादले में चार्ज लिया जाता है उस तरह का चार्ज नहीं लेगा बल्कि पूरे हिसाब मिलान करने और एक एक बोरे की गिनती करने के बाद ही वह प्रभार लेगा अन्यथा उसके खिलाफ लंबी रिकवरी का आरोप लग सकता है। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक और पंजीयक विभाग अभी पशोपेश में है मस्तूरी से भाग्य के वली से एकतरफा चार्ज तो ले लिया गया है लेकिन स्थिति अभी भी साफ नहीं है और अपने खिलाफ कार्यवाही को रोकने के लिए भाग्य का बली नेताओं के चक्कर लगा रहा है। उल्लेखनीय है कि अपने आप को नेताओं के बीच स्थापित करने के लिए यह भाग्य का बली कभी मुख्यमंत्री के दौरे के समय दिखता है तो कभी राहुल गांधी के दौरे के समय भी नजर आया था इस दौरान पूछताछ में उसने सीधा और सपाट जवाब दिया था कि मैं अपने क्षेत्र के ग्रामीणों की भीड़ लेकर इस सभा में आया हूं ।लगातार शिकायतों और हो रही बदनामी के चलते जब इस भाग के बली का तबादला कोरबा जिले की पोड़ी उपरोड़ा में किया गया तो उसने संरक्षण देने वाले कांग्रेसी नेता के शरण में पहुंच गया उक्त कांग्रेसी नेता ने भाग के बली भस्मासुर को पोड़ी उपरोड़ा में चार्ज लेने की सलाह देने के बजाय जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अध्यक्ष प्रमोद नायक के खिलाफ ही कलेक्टर ,पंजीयक सहकारी संस्थाएं, सहकारिता मंत्री, मुख्यमंत्री तक शिकायत भेजना शुरू कर दिया । वैसे अब यह सामान्य बात हो गई है कि धान खरीदी हो और पंजीयक सहकारी संस्था से लेकर सहकारी केंद्रीय बैंक के कर्मचारी एवं अधिकारियों की बल्ले बल्ले ना हो ऐसा हो ही नहीं सकता. …. मस्तूरी स्थित भरारी क्षेत्र के कुछ सहकारी समितियां तो भ्रष्टाचार के लिए ही जानी जाती है, किंतु इस बार मामला कुछ ज्यादा ही गंभीर हो गया है। ग्रामीणों ने निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए पंजीयक सहकारी संस्थाएं, अध्यक्ष जिला सहकारी बैंक, क्षेत्रीय विधायक को प्रमाणों से युक्त आवेदन पत्र भेजे हैं और नोडल अधिकारी आशीष दुबे, प्रबंधक, भाग के बली पर ही मामला नहीं रुकता सिढी चढ़ते हुए आंच सहकारिता निरीक्षक तक आ रही है। धान खरीदी में गड़बड़ी का यह मामला इस बार विधानसभा में उठने वाला है । आइए समझते हैं कि पूरा मामला है क्या।
उपपंजीयक सहकारी संस्थाएं बिलासपुर से साठ गांठ कर एवं संस्था प्रबंधक की भाग के बली घृतलहरे से मिलकर पूरे मस्तूरी ब्लाक के समितियों ब्रांचों में अपने चहेतो की समिति प्रबंधक धान खरीदी कार्य एवं प्रभारी पर्यवेक्षक बनाया गया है।
अपने चहेते भागवली घृतलहरे जो कि वित्तिय अधिकार नही होने के बाद भी प्रभारी पर्यवेक्षक एवं समिति प्रबंधक बनाकर भ्रष्टाचार कराया जा रहा है।
समिति प्रबंधक (प्रभारी पर्यवेक्षक) भागवली घृतलहरे को राह देकर उनके पूरे खानदान को मस्तूरी क्षेत्र के अनेक समितियों का धान खरीदी प्रभारी बनाया गया है एवं उनके पूरे खानदान पर गबन का आरोप होते हुये भी समिति प्रबंधक बनाया गया है जिससे भारी मात्रा में भ्रष्टाचार किया जा रहा है।
भागवली घृतलहरे पर पामगढ़, मुलमुला समिति ,शाखा लोहरसी शाखा ,मस्तूरी शाखा ,मल्हार समिति में धान खरीदी एवं अन्य प्रकार की गड़बड़ी एवं वित्तीय अधिकार नहीं होते हुये धान खरीदी प्रभारी समिति प्रबंधक एवं प्रभारी पर्यवेक्षक बनाया गया है ताकि समितियों को लूटकर अपना एवं नोडल अधिकारी तथा उपपंजीयक की पूर्ति किया जा सके एवं विरोध करने पर
दादागिरी, नेतागिरी, तथा नौकरी से निकाल दिया जाता है तथा थाना में शिकायत दर्ज करा दिया जाता है ।
नोडल अधिकारी के सहयोग से भागवली घृतलहरे सहकारिता निरीक्षक पुरेना मस्तूरी ब्लाक में अपने रिश्तेदारों तथा अन्य को समिति में बिना आदेश के भर्ती किया गया है।
एमरसाठी समिति 1. बबलूराम, जो कि पुकराम का लड़का है एवं पुकराम भागवली का बड़ा भाई है। जो धान खरीदी 2013-14 में समिति भरारी में 4123 क्विंटल धान सार्टेज किया था एवं भागवली के द्वारा 2012-13 में 3873 क्विंटल साटेंज किया गया था।
रंजीत – जो कि भागवली के बड़े भाई भागीरथी का लड़का है निवासी गोसाडीह को एरमशाही में भर्ती किया गया है।
मिनाक्षी सेन पिता गंगाराम सेन जो कि बढ़तरा का निवासी है एवं शाखा जोंधरा में गंगाराम केशियर के पद कार्यरत है।
गतौरा समिति – गतौरा में पुकराम को धान खरीदी प्रभारी बनाया गया है जो कि भागवली का बड़े भाई एवं समिति भरारी में 2013-14 में 4123 क्विं धान का गबन का आरोपी है एवं समिति भ रारी से कार्य से पृथक किया जा चुका है।इसी तरह
गोड़ाडीह समिति में भागवली धृतलहरे का बड़ा भाई प्रकाश घृतलहरे कई वर्षों से – धान खरीदी शार्टज का आरोपी है एवं पूरे परिवार उक्त समिति पर कार्यरत् है । समिति चिल्हाटी – मनोहर लाल यादव जो कि समिति गोदाडीह का कर्मचारी है एवं भागवली के चहेते उससे लेनदेन कर समिति चील्हाटी के प्रभारी प्रबंधक बनाया गया है।
समिति भरारी पं.क्र. 558 में समिति प्रबंधक भागवली घृतलहरे
प्राधिकृत अधिकारी एच.एम पुरेना शाखा प्रबंधक ए के राय नोडल अधिकारी आशिश दुबे द्वारा
भारी मात्रा में गबन धोखाध ड़ी किया गया है। जैसे किसानो का रकबा बढ़ाकर किसानो की बिना
जानकारी के मात्रा से अधिक ऋण वितरण किया गया है एवं भारी मात्रा में फर्जी परमिट खाद,
बीज एवं अन्य प्रकार के घोटाला किया गया है एवं घृतलहरे को पर्यवेक्षक के पद पर जोधरा
ट्रांसफर किया गया था। लेकिन वह नहीं गया। सिर्फ ज्वाईनिंग किया, पुनः शाखा मल्हार में
रहकर कार्य किया जा रहा है ।दो माह पश्चात् प्रभारी पर्यवेक्षक तथा संस्था प्रबंधक के पर.
2022 को पुनः उसका ट्रासफर मस्तूरी किया गया है। वह किसी भी कार्य को नहीं करता है। अन्य व्यक्ति के द्वारा कार्य कराया जाता है एवं भागवली को नोडल अधिकारी श्री आशिष दुबे के सहयोग से मनमाना जगह पर भेज दिया जाता है।
वित्तीय अधिकार के संबंध में – जिला सहकारी बैंक में 3 संस्था प्रबंधकों को वित्तीय अधि कारी नहीं है।
बार-बार तबादला होता है और प्रभावित अधिकारी उसे कहीं चैलेंज नहीं करता ऐसा कहा जा सकता है कि संबंधित अधिकारी प्रबंधन में इतना काबिल है कि उसे अधिकारी हर उस जगह भेजते हैं जहां पर गड़बड़ी चल रही है और गड़बड़ी से लाभ पाने के कारण ही कर्मचारी वहां चल देता है अन्यथा इतने कम दिनों में इतनी बार तबादला की शिकायत क्यों नहीं होती।

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