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November 21, 2024 2:18 pm

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जमीन के विवाद की सजा तिब्बतियों को भुगतनी पड़ी , उलन बाजार अब मिशन अस्पताल कम्पाउंड में लगेगी

बिलासपुर शहर में जमीन कब्जा करने और फर्जी दस्तावेजों के द्वारा अधिकारियो के साथ मिलीभगत कर बेश कीमती जमीन हथियाने का गोरखधंधा सुनियोजित ढंग से चल रहा है ऐसे ही एक विवादित जमीन पर जब हाईकोर्ट ने स्टेटस मेंटेन का आदेश दिया तो जमीन पर हर साल तीन माह तक उलन बाजार लगाने वाले तिब्बतियों को भी परेशान होना पड़ा और उन्हें 20 वर्षो बाद अन्य जगह की तलाश करनी पड़ी अब तिब्बतियों का उलन बाजार मिशन अस्पताल के कंपाउंड में खाली पड़ी जमीन में लगेगी जिसकी तैयारी हो रही है

– कानूनी दाव पेच के कारण 21 सालों से नजूल सीट नंबर 7 पर स्थित डे परिवार की जमीन पर लगने वाला तिब्बती ऊलन बाजार इस बार नहींं लग पाया। स्थानीय प्रशासन चाहता तो तिब्बती शरणार्थियों के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था करता किंतु उन्होंने नहीं किया एक तरह से निगम ने अपने राजस्व का नुकसान ही किया ऊलन मार्केट अब मिशन अस्पताल के कोने के तरफ लगने की तैयारी हो रही है ।

कई सालोंं से अंबिकापुर के नजदीक मैनपाट मेंं सरकार से जमीन लेकर कई सारे तिब्बतियो के परिवार अपनी संस्कृति को अक्षुण्य रखे हैं। आलू की खेती के अतिरिक्त ठंड के दिनोंं में ये तिब्बती छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश के अलग-अलग शहरों में ऊनी कपड़ेेे बेचते हैं। इस साल भी अपनी तय स्थान मेंं इन्होंने अपनी दुकान बनाना शुरू कर दी थी। बांस, बल्ली, टिन, प्लास्टिक, त्रिपाल से पूर्णता अस्थाई व्यवस्था बनाई जाती है और यह काम तिब्बती परिवार स्वयं कर लेते हैं।

लखीराम आडिटोरियम के सामने स्थित जमीन जिसमे उलन बाजार लगता रहा है वह नजूल की लीज होल प्रापटी डे परिवार के नाम पर है। पिछले 3 वर्षों से इस जमीन पर दीपक खंडेलवाल नामक एक जमीन कारोबारी से डे परिवार का विवाद चल रहा है। हाईकोर्ट ने पिछले डे की याचिका पर अस्थाई निषेध जारी की थी उसके बावजूद स्थानीय प्रशासन के कुछ अधिकारियों की शह पर दुसरा पक्ष खंडेलवाल उस जमीन पर कब्जा लेने का प्रयास करता रहा निषेध आज्ञा के बावजूद ऐसा होने से परेशान भूमि स्वामी ने दीपावली अवकाश के पूर्व माननीय न्यायालय ने याचिका फिर लगाई जिस पर कोर्ट ने यथा स्थिति के आदेश दिए।

कोर्ट के आदेश से घबराए कथित लीज होल्डर ने तिब्बतियों को उल न बाजार लगाने देने से इनकार कर दिया । तिब्बतियों के सामने बड़ा गम्भीर संकट पैदा हो गया । वे शहर विधायक शैलेश पांडेय से मिलकर मदद मांगी । विधायक ने अधिकारियों से बात कर सार्थक रास्ता निकालने का आश्वसन दिया और राजस्व अधिकारियों तथा निगम के अधिकारियों से बात भी की ।

त्योहार के दिनों में व्यवसाय का नुकसान होता देख शरणार्थी परिवारों ने वैकल्पिक व्यवस्था देखी और उन्होंने मिशन अस्पताल के कंपाउंड में एक भूमिका टुकड़ा अस्थाई रूप से प्राप्त हो गया। डॉ रमन जोगी ने इस संदर्भ में बताया कि ऊलन मार्केट का अपना एक गौरवशाली इतिहास है। तिब्बती नागरिक हमारे मेहमान हैं 3 माह के लिए आते हैं शहर के कई गणमान्य लोग बचपन से इनसे गर्म कपड़े लेकर अपना ठंड मजे से काटते हैं 3 महीने के व्यवसाय के लिए यह अट्ठारह परिवार यहां वहां परेशान हैं। उचित नहीं लगता उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी को लगता है कि मैं जमीन का गलत उपयोग कर रहा हूं तो नजूल के अधिकारी व इस जमीन के भूभाग को वापस ले सकते हैं ऐसे में लिख के भी दे चुका हूं।

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