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November 21, 2024 5:15 pm

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बाइक से बेटे की शादी का कार्ड बांटने जा रहे बुजुर्ग और उसके छोटे बेटे को स्कार्पियो ने मारी टक्कर,पिता की अस्पताल में हुई मौत अब बेटा मृत्यु सर्टिफिकेट के लिए लगा रहा चक्कर,अस्पताल और पुलिस दोनो उसे घुमा रहे

बिलासपुर।बाइक से बड़े बेटे की शादी का कार्ड बांटने जा रहे पिता और छोटे बेटे को स्कार्पियो ने जोरदार टक्कर मार दी जिससे पिता की अस्पताल में मौत हो गई और बेटे का पैर टूट गया। अपनी शादी स्थगित कर बड़ा बेटा पिता के इलाज में लाखो रुपए खर्च करने के बाद पिता के मृत्यु सर्टिफिकेट लेने के लिए भटक रहा है और सिस्टम से हलाकान है।
जानकारी के मुताबिक पचपेड़ी थाना अंतर्गत ग्राम सोन निवासी धरम दास मानिकपुरी के बड़े पुत्र सोम की शादी तय हो चुकी थी ।शादी का निमंत्रण पत्र बाटने धरम दास अपने छोटे पुत्र दुर्गेश को लेकर बाइक से 14 अप्रैल को निकला था ।रास्ते में स्कार्पियो क्रमांक सी जी 11 के चालक ने बाइक सवार पिता पुत्र को। जोरदार टक्कर मार दिया जिससे धरम दास और दुर्गेश बुरी तरह घायल हो गए ।स्कार्पियो चालक ने अपने ही स्कार्पियो से घायल पिता पुत्र को पाम गढ़ के सरकारी अस्पताल में छोड़ा और निकल लिया ।सरकारी अस्पताल में दोनो पिता पुत्र की गंभीर हालत को देखते हुए दूसरे अस्पताल में ले जाने की सलाह दी। बुरी तरह से घायल पिता और छोटे भाई को सोम दास ने एंबुलेंस से शहर के तोरवा स्थित स्वास्तिक अस्पताल में भर्ती करवाया ।स्वास्तिक अस्पताल में ऐसा क्या इलाज किया गया कि एक ही दिन में डेढ़ लाख रुपए का बिल थमा दिया गया।इलाज ठीक से नही होने और घायल पिता पुत्र की हालत और बिगड़ने पर दोनो को दूसरे ही दिन बहतराई रोड के प्रथम अस्पताल में भर्ती कराया गया ।वहां पिता पुत्र दोनो की सर्जरी की गई ।पैर टूट जाने से दुर्गेश तो अभी भी प्रथम अस्पताल में भर्ती है लेकिन प्रथम अस्पताल में भी लाखो रुपए का बिल भुगतान करने के बाद भी धरम दास को नहीं बचाया जा सका और 21 अप्रैल को प्रथम अस्पताल में धरम दास का निधन हो गया। कायदे से प्रथम अस्पताल प्रबंधन को उसकी मृत्यु का सर्टिफिकेट देना था लेकिन प्रबंधन ने मृतक के बेटे को मरीज को रिफर करने वाले कागज़ में दस्तखत करवा लिया और अब कह रहे कि उसे अस्पताल से रिफर किया गया था।
दुर्घटना की रिपोर्ट भी पुलिस वाले यह कहकर नही लिख रहे कि जिस अस्पताल में मौत हुई है उसके नजदीकी थाने में अस्पताल के मेमो के आधार पर रिपोर्ट दर्ज की जाएगी । एम एल सी रिपोर्ट देने के नाम पुलिस ने जरूर सुविधा शुल्क ले लिया। मृतक का बड़ा पुत्र सोम दास अपने पिता के मृत्यु प्रमाण पत्र लेने अब अस्पताल ,पुलिस और ग्राम पंचायत का चक्कर लगा रहा है। दुर्घटना दावा तो बाद का विषय है। एक और गंभीर विषय है कि किसी मरीज को कोई अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया जाता है तो इलाज भी उसी अस्पताल में किया जायेगा और इलाज में होने वाले खर्च का भुगतान भी पीड़ित परिवार भुगतान करता है तो फिर रजिस्ट्रेशन शुल्क के रूप में राशि की वसूली क्यों की जाती है?

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