बिलासपुर।अटल बिहारी वाजपेयी ट्रस्ट बिलासपुर के द्वारा विश्व स्तनपान सप्ताह 2023 में एक दिवसीय राष्ट्रीय जागरूकता ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का विषय *स्तनपान पर महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव* पर रविवार को शाम कार्यक्रम आयोजित किया गया।
परिचर्चा स्तनपान के पाँच निम्न महत्वपूर्ण पहलुओं को पर केंद्रित रहा।
1. स्त्री रोग
2. स्तनपान प्रबंधन
3. पोषण
4. मनोवैज्ञानिक
5. अधिकार एवं उत्तरदायित्व
कार्यक्रम में मुख्य रूप से निम्न विषय पर विस्तृत जानकारी विशेषज्ञों द्वारा दी गई।
• स्तनपान का महत्व।
• महिला और बच्चे के शरीर के लिए स्तनपान का महत्व।
• स्तनपान फिजियोलॉजी रूटिंग रिफ्लेक्स लैचिंग को समझना।
•स्तनपान प्रबंधन।
• स्तनपान के माध्यम से शिशु की पोषण सुरक्षा।
• स्तनपान के मानसिक सहसंबंध
• स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए मातृत्व अधिकार
• सामाजिक जिम्मेदारी
कार्यक्रम में सर्वप्रथम मुख्य अतिथि प्रो. (डॉ.) सुजाता शाही
कुलपति, आईआईएलएम यूनिवर्सिटी गुरुग्राम हरियान द्वारा माताओं के स्तनपान के विभिन्न रिसर्च और स्तनपान के अधिकारों के बारे में बात रखी गई।
अतिथि वक्ता डॉ. संदेश गंजू, एसोसिएट प्रोफेसर प्रसूति एवं स्त्री रोग, जीजीएस मेडिकल कॉलेज फरीदकोट पंजाब ने प्रेशेनटेशन के माध्यम से स्तन के बायोलॉजिकल और फिजियोलॉजिकल पर जानकारी देते हुए किस प्रकार स्तन में दूध बनाता है तथा मां के स्तन से नवजात किस प्रकार और कैसे स्तनपान करता इस विषय पर विस्तृत जानकारी दी, मां की मानसिक स्थिति के बारे में भी जानकारी दी गई। इसके पश्चात डॉ. शालिनी अनंत, फिजियोथेरेपिस्ट एवं प्रसव विशेषज्ञ मुंबई के द्वारा नवजात को किस प्रकार माता के छाती में रख स्तनपान कराना जाए इस विषय पर जानकारी के साथ जब स्तनपान नही कराया जाता तो माता स्तन में प्रोटीन का गठान बनाने और इसके निराकरण और मालिश के बारे में जानकारी दी गई। इसके बाद डॉ. विशाखा सिंह खाद्य वैज्ञानिक और पोषण विशेषज्ञ किसान विकास केंद्र KVK रांची झारखंड द्वारा मां और नवजात बच्चे को प्रोटीन विटामिन जरूरत और इसकी पूर्ति किस किस माध्यम से होगा इसकी जानकारी दी गई। अंतिम कार्यक्रम सुश्री राजश्री गाडगिल सेलिब्रिटी पोषण विशेषज्ञ और संस्थापक ट्रुवेल्थ इंटीग्रेटिव हेल्थकेयर मुंबई के द्वारा विस्तृत में पोषण के संबध में जानकारी देते हुए बताया की प्राकृतिक रूप से फल,सब्जी, आदि के सेवन के साथ मानसिक और शरारिक स्वास्थ्य आवश्यक है इस बारे में जानकारी दी गई। इसके पश्चात सभी को धन्यवाद ज्ञापित करने पश्चात कार्यक्रम का समापन किया गया। कार्यक्रम का संचालन आद्या सिंह मलेशिया के द्वारा किया गया। कार्यक्रम तीन घंटे का रहा।