बिलासपुर।शासकीय पदों पर भर्ती की जाने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं की विश्वसनीयता को लेकर बार बार उंगली उठ रही है। प्रतिभागी चयन प्रक्रिया को दोषपूर्ण करार देते हुए सरकार के नियत पर सवाल खड़े कर रहे है। इस तरह की घटनाएं राज्य सरकार के नैतिक पतन की ओर इशारा करती हैं। एसआई भर्ती प्रक्रिया को लेकर हाल ही में प्रकाशित एक खबर पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा हैं कि, प्रदेश में सत्तारूढ कॉग्रेस की सरकार युवाओं का भरोसा जितने में विफल रही है। युवाओं से बेरोजगारी भत्ता का वादाखिलाफी कर सत्ता में काबिज इस सरकार ने नौकरी की भर्ती प्रक्रियाओ को पारदर्शी बनाने में अक्षम रही है, पीएससी परीक्षा के बाद एस.आई. परीक्षा पर भी विवाद की स्थिति है अभ्यर्थी परीक्षा में अपनाई गई प्रक्रिया को ही कटघरे में खड़े कर रहे। उनका आरोप है कि, एसआई भर्ती प्रक्रिया में नियमो और आरक्षण के प्रावधानों की अनदेखी की गई। परीक्षा में तय मानकों का पालन नहीं किया गया। 120 नामों की दो बार गिनती, पांच गुना से कम अभ्यार्थियों को साक्षात्कार में बुलाने समेत कई प्रकार की गड़बड़ियां शामिल है। पूर्व मंत्री ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, अविश्वास की पराकाष्ठा देखिए कि, उन्हें सरकार से ज्यादा कोर्ट पर भरोसा है इस बाबत वे चीफ जस्टिस को पत्र लिख रहे हैं। सरकार के विरुद्ध 110 याचिकाएं दायर की गई है बार बार इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति बताती हैं कि, राज्य सरकार प्रदेश के युवाओं को भेंट मुलाकात जैसे सेटेड इवेंट में उलझा कर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। हाल ही में आए पीएससी परीक्षा के नतीजों ने सभी को चौकाया सालों से तैयारी में लगे प्रतिभागियों ने इस पर आपत्ति की कुल मिलाकर भूपेश सरकार ने युवाओं का छलने का काम किया है और समय आने पर इसके परिणाम भुगतने होंगे।
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