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November 23, 2024 8:18 pm

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बिना टेक्नीशियन के चल रहे निजी एम्बुलेंस ,मरीजों से ले रहे मोटी रकम ,जिले में 177 से भी ज्यादा निजी एम्बुलेंस

Bilaspur . स्वास्थ्य विभाग के नज़र अंदाजी की वजह से बिना टेक्नीशियन के निजी एम्बुलेंस चल रहे है । मरीजों को अस्पताल लेजा ने मोटी रकम वसूलते है , ऑक्सीजन छोड़ एम्बुलेंस में उपचार की कोई सुविधा नही रहती है सारा दारोमदार ड्राइवर पर रहता है जो जरूरत पड़ने मात्र ऑक्सीजन मास्क लगाते है ।
जिले में 177 से अधिक निजी नर्सिंग होम संचालित हो रहे है , कई नर्सिंग होम संचालक बकायदा मरीजों को अस्पताल लाने ले जाने स्वम् का एम्बुलेंस का उपयोग करते है । जिसे आपने आय का एक अलग जरिया बना रखा है , ऐसे ही दर्जन भर से अधिक एम्बुलेंस बिना परमिशन के ही चल रहे है , जो सिम्स के बाहर लाईन से खड़े रहतता है । जिनमे ऑक्सीजन के आलाव गम्भीर अवस्था के मरीजों के उपचार के कोई भी उपकरण नही होता , न ही अस्पताल पहुंचाने तक मरीज की हालत को स्थिर रखने टेक्जशियन होतें हैं । यही वजह है कि उपचार के लिए एम्बुलेंस में ले जाते समय मरीज की मौत हो जाती है ।

मरीज को अस्पताल लेजाने के दौरान उपचार का सारा दारोमदार एम्बुलेंस चालक के कंधों पर रहता है जिसे ऑक्सीजन माक्स लगाने के अलावा किसी प्रकार की जानकारी नही रहती है । वहीं स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार इतनी बड़ी अव्यवस्था को नज़र अंदाज़ कर रहा है । जिनके नाक के नीचे निजी संस्थान के एम्बुलेंस धड़ल्ले से चल रहे है।
आज ऐसा ही वाक्या सिम्स में देखने को मिला , जहां निजी संस्था का एक एम्बुलेंस गम्भीर अवस्था की वृद्धा को रिफर किये जाने से अन्य अस्पताल लेजाने खड़ा था , लेकिन उस एम्बुलेंस में मात्र ऑक्सीजन सिलेंडर ही उपलब्ध था , मरीज को परिजन ही एम्बुलेंस में रख रहे थे जब चालक से टेक्नीशियन के बारे में पूछा गया तो चालक ने कहा केवल वही अकेला है , एम्बुलेंस में लेजाने के दौरान मरीजो को उपचार की जरूरत पड़ने पर वही इंजेक्शन , ड्रिप लगाता है , जब उससे नर्सिंग ट्रेंनिग या प्रैक्टिस किये जाने के बारे पूछा गया तो उसका जवाब अचंभित करने वाला था । जिसने किसी भी संस्था से ट्रेंनिग नही लिया , अस्पताल में अन्य कर्मचारियों को काम करता देख सीख गया अब मरीजों को अंदाजा ही इंजेक्शन , ड्रिप लगाता है, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है संचालक जान बूझ कर मरीजों की जान जोखिम में डाल रहे हैं ।
——सरकारी एम्बुलेंस गिनती के है —-

——————— शासन द्वारा मरीजों को राहत देने 108 संजीवनी एक्सप्रेस, 102 महतारी एम्बुलेंस का संचालन किया गया , मगर अब गिनती के एम्बुलेंस जिले में चल रहे है , जरूरत पड़ने पर 15 मिनट में पहुंचने वाली एम्बुलेंस कॉलसेंटर में लगाने के बावजूद भी पूरे दिन नही पहुच रही है । यानी 108 संजीवनी और महतारी एक्सप्रेस दम तोड़ते हुए दिखाई दे रहा है

–निजी एम्बुलेंस वाले वांछित सुविधाओ की जानकारी नही देते

——————–
निजी नर्सिंग होम संचालकों को नर्सिंग होम एक्ट के तहत स्वास्थ्य विभाग को कौन से वाहन को एम्बुलेंस के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है , आपात स्थिति में मरीज का उपचार करने के क्या क्या उपकरण उपलब्ध है , एम्बुलेंस में कितने कर्मचारी रहेंगे , उनके द्वारा किस संस्था से नर्सिंग का प्रशिक्षण प्राप्त किया विभिन्न जानकारी नर्सिंग होम नोडल अधिकारी को लिखित में जानकारी देना अनिवार्य है । परन्तु यह जानकारी देना शायद एम्बुलेंस संचालक जरूरी नही समझ रहे हैं या फिर स्वास्थ्य विभाग के ही जिम्मेदार अधिकारी ही नज़र अंदाज़ कर रहे है ।

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