बिलासपुर । बिल्हा ब्लाक के भरारी ग्राम पंचायत में विभिन्न योजनाओं के तहत लाखो रुपए की लागत से बनाए गए सी सी रोड का मूल्यांकन अधिकारी यह कहते हुए नहीं कर रहे है कि सड़क का निर्माण घटिया है और सड़क बनाने वाले सरपंच जो अब भूतपूर्व हो चुके है का कहना है कि मूल्यांकन करने के लिए अधिकारी रुपयों की मांग करते है जबकि आर ई इस विभाग द्वारा सड़क को अमानक स्तर और गुणवत्ता विहीन होने के कारण अमान्य कर दिया गया है वहीं बिल्हा जनपद पंचायत ने सरपंच (पूर्व)को दस लाख रुपए अग्रिम लेने पर वसूली के लिए नोटिस तो जारी किया मगर नोटिस के महीनों बाद भी वसूली के लिए पुख्ता कारवाई नहीं की जा रही है । सवाल उठता है कि कहीं पूर्व सरपंच कही राजनैतिक रसूख का फायदा तो नहीं उठा रहा ?
बिल्हा जनपद पंचायत अंतर्गत एक ग्राम पंचायत है “भरारी ” जहां एक सरपंच हुआ करते थे विनय शुक्ला । अब ये भूतपूर्व हो चुके है और इन दिनों सत्ताधारी दल के कार्यक्रमों ,मंत्रियों के दौरे आदि में काफी व्यस्त और सक्रिय रहते है ।इस महानुभाव द्वारा अपने सरपंच कार्यकाल के दौरान अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण मद से सीसी रोड निर्माण के लिए 10 लाख रुपए ,राज्य विकास प्राधिकरण मद से सीसी रोड निर्माण के लिए 10 लाख रुपए ,ग्राम पंचायत समग्र विकास योजना से 2.6 लाख रुपए प्रति नग के हिसाब से 7 नग सी सी रोड निर्माण के लिए( कुल स्वीकृति 18.20 लाख रुपए ) मंजूर करवाया ।राज्य शासन द्वारा उक्त तीनों योजनाओ से लगभग 40 लाख रुपए के सीसी रोड की स्वीकृति दी गई थी ।
तत्कालीन सरपंच विनय शुक्ला ने 9 सीसी रोड का काम 10 माह पहले पूरा कराया मगर सीसी रोड का काम गुणवत्ता विहीन होने के कारण सम्बन्धित इंजीनियरों द्वारा। मूल्यांकन ,सत्यापन करने से इंकार कर दिया गया । विनय शुक्ला ने इस पर आरोप लगाया कि अधिकारी मूल्यांकन के एवज में पैसे की मांग कर रहे जिस पर अधिकारियों ने सड़क की गुणवत्ता देखने जांच कमेटी बना दी । जांच कमेटी ने भी सड़क को घटिया होना पाया है । सभी सड़के कुछ माह में ही उखड़ने लगी है ।सीमेंट कम रेती ज्यादा होने के कारण सड़के टिकी नहीं (इसका प्रमाण चित्र है )
इसी बीच ग्राम पंचायत के चुनाव हुए और सरपंच का पद आरक्षित होने के कारण विनय शुक्ला पंच का चुनाव लडे मगर वे चुनाव हार गए और वे पंचायत से मुक्त हो गए ।अब उनके द्वारा बनवाए गए घटिया सड़को को लेकर रार मचा है ।ग्राम पंचायत के वर्तमान उपसरपंच ,पंच तथा ग्राम वासियों द्वारा गुणवत्ता विहीन बनाए गए सीसी रोड की जानकारी देकर अधिकारियों से सीसी रोड के काम को निरस्त करने की मांग कई महीनों से की जा रही है तो दूसरी तरफ भूतपूर्व सरपंच द्वारा सत्ताधारी दल के कार्यक्रमों में सक्रिय हो अप्रत्यक्ष रूप से अहसास कराने की कोशिश की जा रही है कि उनकी राजनैतिक पहुंच है इसलिए मूल्यांकन सत्यापन बिना जांच के आंख मूंद करके कर दिया जाए ।
इधर बिल्हा जनपद पंचायत ने पूर्व सरपंच विनय शुक्ला को सीसी रोड निर्माण के लिए अग्रिम राशि जो 10 लाख रुपए लिया गया है उसके लिए नोटिस महीनों पहले जारी किया था मगर वसूली के लिए कोई प्रयास नहीं किया जा रहा ।इस बारे में बिल्हा जनपद पंचायत के सी ई ओ बी आर वर्मा का कहना है कि जनपद पंचायत ने पूर्व सरपंच को नोटिस तो जारी किया था और यदि पूर्व सरपंच सीसी सड़को का मूल्यांकन ,सत्यापन प्रस्तुत कर देता है तो ठीक है । मूल्यांकन की सत्यापित व प्रमाणित कापी पेश करने पर ही मामला ख़तम होगा और यदि सड़के गुणवत्ता विहीन होगी तो मूल्यांकन नहीं हो पाएगा ।इस बारे ज्यादा जानकारी ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के अधिकारी ही बता पाएंगे क्योंकि जांच टीम में वहीं लोग थे ।
इस तरह सीसी सड़के चकाचक है या घटिया इसे तय करने में ही महीनों हो चुका और जांच में अधिकारी यदि सड़को को घटिया पाया है तो दोषी के खिलाफ कार्रवाई में देर क्यों हो रही है और यदि पूर्व सरपंच के कथना नुसार सड़के अच्छी बनी है तो मूल्यांकन में देरी क्यों?इस गड़बड़ झाले को जिला प्रशासन और जिला पंचायत को देखना चाहिए ताकि शासन के लाखो रुपए के दुरुपयोग को रोका जा सके ।