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November 21, 2024 1:26 pm

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युवा कांग्रेस के जनहित मांग को सी०एम०डी० एस०ई०सी०एल० ने पूरा करने का दिया आश्वासन

 

बिलासपुर।छत्तीसगढ़ युवा कांग्रेस के महासचिव आदिल आलम खैरानी के द्वारा पाँच सूत्रिय मांगों को लेकर दिनांक 23-12-2022 को पुतला दहन के साथ धरना प्रदर्शन कार्यक्रम प्रस्तावित किया था, जिस पर जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन एवं एस.ई.सी.एल. प्रबंधन के आपसी समन्वय से दिनांक 22-12-2022 को ही बैठकवार्ता हेतु संगठन को आमंत्रित किया गया जिसके तहत आयोजित पुतलादहन एवं धरना प्रदर्शन कार्यक्रम को स्थगित कर बैठक वार्ता किया गया।

एस.ई.सी.एल. सी.एम.डी. श्री पी. एस. मिश्रा से सायं 6.30 बजे बैठकवार्ता हुई जिसमें पाँच सूत्रिय मांगों को रखा गया जिस पर चर्चा उपरान्त कम्पनी प्रमुख द्वारा शीघ्र ही आई. टी. आई. शिक्षुओं, माइनिंग सरदार एवं सर्वेयर पद के लिए नोटिफिकेशन जारी करने की बात कही गई। संगठन के द्वारा आई.टी.आई. शिक्षुओं से मजदूरी कराये जाने और जॉच रिपोर्ट में एकपक्षिय औचित्य हीन रिपोर्ट सौपे जाने की बात कही गई, साथ ही सबूत संबंधी दस्तावेज को कम्पनी प्रमुख के समक्ष नहीं लाये जाने की भी शिकायत की गई जिस पर कम्पनी प्रमुख श्री मिश्रा जी ने यह कहा कि पीड़ित आई.टी.आई. शिक्षुओं जिनसे मजदूरी कराया गया । उनका सबूत संबंधी दस्तावेज मेरे पास प्रत्यक्ष रूप से उपस्थित होकर जमा करें। ताकि मैं नियम विरूद्ध कार्य कराने वालों पर कार्यवाही कर सकूं। जिसे संगठन ने स्वीकार किया और शीघ्र ही शिक्षुओं से सबूत संबंधी दस्तावेज मंगाकर जमा करने की बात कही।

कोल इंण्डिया में जे.बी.सी.सी. आई. निर्णय के तहत 9.3.2 के तहत दी जाने वाली अनुकम्पा नियुक्ति जिसमें किसी प्रकार का स्पष्ट उल्लेख (यदि परिवार के सदस्य नौकरी में है तो कर्मचारी के मृत्यु उपरान्त उसके आश्रित को नौकरी नहीं दी जाएगी) नहीं है। उसके उपरान्त भी एस.ई.सी.एल. के श्रमशक्ति विभाग द्वारा ऐसे प्रकरण जिनके परिवार के सदस्य नौकरी में रहे हैं या हैं को डी. पी. मिट्स में लिए गये निर्णय के तहत नौकरी नहीं देने की बात कहते हुए नौकरी पाने से वचित रखे हुए हैं। उक्त विषय को सी.एम.डी. श्री मिश्रा के संज्ञान में लाते हुए हाईकोर्ट एवं सुप्रिमकोर्ट के निर्णय एवं अनुशंसा जिसमें (डी.पी. मिट्स जयपुर का निर्णय पालिसी डिसिजन के रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा) उल्लेख किया गया जिस पर संगठन ने कहा कि जे.बी.सी.सी. आई. का निर्णय त्रिपक्षीय होता है जिसे कोई एक पक्ष अपने स्वयं के निर्णय से अमान्य नहीं कर सकता। उसके साथ ही हाईकोर्ट एवं सुप्रिमकोर्ट का निर्णय एवं अनुशंसा भी है इसलिए डी. पी. मिट्स का निर्णय कोई महत्व नहीं रखता है इसलिए पीड़ित आश्रितों को नौकरी शीघ्र दी जाय। जिस पर श्री मिश्रा जी ने अपने अधिनस्थ विभागाध्यक्ष श्री ए.के. संतोषी को कार्यवाही करने का निर्देश दिया।

इसी प्रकार सुरक्षा प्रहरी की भर्ती में केवल भूतपूर्व सैनिक को लिए जाने की शिकायत की गई, जिसमें एन.सी. सी. छात्र और खिलाड़ियों को उक्त पद में नौकरी पाने का अवसर नहीं दिये जाने की बात भी रखी गई जिस पर श्री मिश्रा जी ने पुछा कि प्रकरण कब का है उस पर वहाँ उपस्थित विभागाध्यक्ष ने सुरक्षा प्रहरी की भर्ती 2004 में हुई बताया, जबकि वह भर्ती 2012 में हुई थी। जिसका शीघ्र लिखित में प्रोटेस्ट करेंगे और सुरक्षा प्रहरी की भर्ती कर एन.सी.सी. छात्र छात्राओं और खिलाड़ियों को भी नौकरी देने की मांग रखेंगे। इसके साथ ही अन्य बातों को संबंधित विभागाध्यक्ष से निराकरण कराने पर सहमति व्यक्त की गई।

इस अवसर पर  सिद्धाशु मिश्रा (बेलतरा विधानसभा समन्वयक), सिबली मेराज खान बिलासपुर विधान सभा समन्वयक (राजीव युवा मितान), आदिल आलम खैरानी (प्रदेश महासचिव), शेरू असलम (शहर अध् यक्ष), अजय यादव (अध्यक्ष-बेलतरा विधानसभा), युवा कांग्रेस, अनस खोखर, शंकरदास महंत कार्यकारी अध्यक्ष ओ.बी.सी.एसोशिएसन एवं राकेश कुमार यादव आई.टी.आई. शिक्षु उपस्थित थे।

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