
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की सरकार 24 घंटे के भीतर अस्तित्व में आ जाएगी। अब से कुछ घंटे बाद ही मुख्यमंत्री विष्णु देव साय तथा उनके सहयोगी उपमुख्यमंत्री पद एवं गोपनीयता की शपथ लेंगे ।अभी यह स्पष्ट भी नहीं है कि मंत्रिमंडल के सदस्य आज शपथ लेंगे या नहीं और यदि शपथ लेंगे तो मंत्री के रूप में किन-किन विधायकों को शपथ दिलाया जाएगा ।अभी मंत्री पद के संभावित चेहरे को लेकर सिर्फ अंदाज लगाये जा रहे हैं लेकिन मंत्री रह चुके पुराने विधायकों की धड़कनें बढ़ गई हैं। वहीं पहली बार बने विधायकों में भी मंत्री बनने की चाह हिलोरे मार रही है ।भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व में जिस तरह से तीन राज्यों में मुख्यमंत्री , उप मुख्यमंत्री बनाया गया है उससे तो यही स्पष्ट होता है कि भारतीय जनता पार्टी उच्च कुलीन ब्राह्मण वर्ग के विधायकों को ज्यादा तवज्जो दे रही है ।उदाहरण के लिए राजस्थान में पहली बार विधायक बने भजन लाल शर्मा को जहां मुख्यमंत्री बनाया गया है वही छत्तीसगढ़ में कवर्धा विधानसभा क्षेत्र से पहली बार विधायक बने विजय शर्मा को उपमुख्यमंत्री पद से नवाजा गया है अगर ऐसी ही बात है तो छत्तीसगढ़ में ही बेलतरा विधानसभा क्षेत्र से पहली बार निर्वाचित विधायक सुशांत शुक्ला को भी मंत्री बनाया जाना चाहिए। भारतीय जनता पार्टी का ब्राह्मण वर्ग को ही उपकृत किया जाने का पैमाना है तो सुशांत शुक्ला मंत्री पद पाने का हकदार है ।यह अलग बात है कि सुशांत शुक्ला छत्तीसगढ़िया ब्राह्मण है जबकि भारतीय जनता पार्टी के पिछले 15 साल के कार्यकाल को देखा जाए तो छत्तीसगढ़िया ब्राह्मण विधायकों की लगातार उपेक्षा हुई है ।एकमात्र छत्तीसगढ़िया ब्राह्मण विधायक बद्री इधर दीवान तो तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह की उपेक्षा से भारी नाराज थे और दुखी भी थे। छत्तीसगढ़िया ब्राम्हण समाज द्वारा इस उपेक्षा का लगातार विरोध किए जाने के बाद ब मुश्किल से बद्री धर दीवान को विधानसभा उपाध्यक्ष बनाया गया जबकि गैर ब्राह्मण विधायकों को मंत्री पद देकर उपकृत किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व वाली मोदी काल के भारतीय जनता पार्टी में तमाम तरह के अद्भुत बदलाव देखे जा रहे हैं वर्ष 2014 के पहले तक भारतीय जनता पार्टी में जितने भी नेता ,मंत्री सांसद ,विधायक जिन राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की सरकार में रहे वहां उनके रुतबे पर विराम लग चुका है ।इतना ही नहीं ऐसे कई सांसद ,विधायक ,मुख्यमंत्री आदि को सत्ता से बाहर किया जा चुका है जिसका उदाहरण अभी तीन राज्यों के मुख्यमंत्री के नाम से स्पष्ट हो गया है मोदी और शाह की नेतृत्व वाली नए जमाने की भारतीय जनता पार्टी द्वारा उच्च कुलीन ब्राह्मण विधायकों को जिस तरह से पदों को नवाजा जा रहा है उससे पहली बार विधायक बने नेताओं में मुख्यमंत्री ना सही मंत्री पद पाने की भारी लालसा हो गई है। निश्चित तौर पर छत्तीसगढ़ में भी पहली बार ही सही ,निर्वाचित हुए ब्राह्मण विधायकों का दावा मंत्री पद के लिए पुख्ता माना जाना चाहिए लेकिन इस बात पर जरूर ध्यान रखा जाना चाहिए कि ब्राह्मण विधायक छत्तीसगढ़िया हो गैर छत्तीसगढ़िया ब्राम्हणों के कारण ही 15 साल तक सत्ता में रही भारतीय जनता पार्टी की सरकार वर्ष 2018 में बेदखल हो गई थी ।इस बार नए और छत्तीसगढ़िया ब्राह्मण युवा विधायकों को सत्ता में भागीदारी निश्चित तौर पर मिलनी चाहिए
Wed Dec 13 , 2023
बिलासपुर।चीते जैसी फुर्ती और बाज जैसी नजर किसी नए नवेले नेता की हो तो उसकी राजनैतिक तरक्की को कोई रोक नहीं सकता बशर्ते उसका किस्मत भी साथ दे ।हम बात कर रहे है उप मुख्यमंत्री बनाए गए अरुण साव की जिसने शपथ समारोह के लिए बनाए गए मंच में प्रधानमंत्री […]