बिलासपुर। कांग्रेस के नेता महापौर बनाने के लिये निर्दलीय प्रत्याशियों से सम्पर्क करना शूरू कर दिए है हालांकि इस मुलाकात को वे जीत की बधाई और सौजन्य मुलाकात बता रहे है । महापौर तो कांग्रेस का ही बनना तय है मगर एन वक्त पर धोखा न हो जाये इसलिए कांग्रेस नेता कोई गलती नही करना चाहते । महापौर कौन हो इस बात को लेकर अवश्य ही खींचातानी चलेगी।
नगर निगम मे वार्डो के जो नतीजे आये है वह अनेक दृष्टि से महत्वपूर्ण है ।कांग्रेस35वार्डो में चुनाव जीत कर महापौर बनाने के लिए उधेड़बुन में लग गई है तो भाजपा के सामने एक महत्वपूर्ण प्रश्न यह है कि पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल जो भाजपा के नगरीय निकाय चुनाव के प्रदेश प्रभारी थे उनके ही निर्वाचन क्षेत्र बिलासपुर में भाजपा अब शहर सरकार बनाने से चूक गई है । पूरे प्रदेश में जहां भाजपा नगरीय निकायों में काबिज रही है वहां मिली हार को पूर्व मंत्रीअमर अग्रवाल प्रदेश नगरीय निकाय चुनाव प्रभारी होने के नाते स्वयं की नैतिक जिम्मेदारी शायद ही लें वे तो अपने निर्वाचन क्षेत्र में ही भाजपा को हारने से नही बचा सके । सबसे ज्यादा दुर्गति तो भाजपा विधायक रजनीश सिह के बेलतरा क्षेत्र में भाजपा की हुई है । कुल 17 वार्डो में रजनीश सिह ने ऐसी टिकट बांटी कि 17 में से सिर्फ 5 उम्मीदवार ही जीत पाए ।कुछ वार्ड में तो भाजपा 3रे नम्बर पर रही ।
इस निगम चुनाव में कांग्रेस भाजपा के कई बड़े नेताओ की प्रतिष्ठा दांव पर लगी थी और कई बड़े नेता खुद चुनाव लड़ रहे थे वहाँ के नतीजे चौकाने वाले रहे । टिकट वितरण में दबाव घोषित प्रत्याशी को बदल देने और गुटीय आधार पर दबावपुर्वक अपनो को टिकट दिलाने का खामियाजा कांग्रेस के साथ ही कुछ हद तक भाजपा को भी भुगतना पड़ा है ।इसका उदाहरण वार्ड 34 संत रविदास नगर के प्रतिष्ठा पूर्ण चुनाव मे पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल समर्थक दुर्गा सोनी को जीत मिली है। वही वर्तमान विधायक शैलेश पांडे के करीबी शैलेंद्र जायसवाल को हार का सामना पड़ा है।शहर कॉंग्रेस अध्यक्ष नरेंद्र बोलर और दिग्गज नेता बसंत शर्मा की हार से काँग्रेस को एक बड़ा झटका है। काँग्रेस के विजय केशरवानी ,पूर्व महापौर प्रत्याशी,राम शरण यादव ,रवीन्द्र सिंह ,जैसे कांग्रेसी चुनाव जीतने मे कामयाब रहे तो भाजपा की टिकट पर विनोद सोनी,राजेश सिंह, अशोक विधानी जैसे महापौर के दावेदार चुनाव जीतने में सफल रहे भाजपा महापौर के एक और दावेदार राजेश मिश्रा निर्दलीय प्रत्याशी शहजादी कुरैशी से हार गए । खैर बहुमत नही ला पाने के कारण भाजपा के महा पौर दावेदार विजयी पार्षद की मेहनत बेकार चली गई क्योकि उनमें से कोई महापौर नही बन पाएगा ।
अमर अग्रवाल को विधानसभा चुनाव हारने के बाद भाजपा ने उन्हें नगरीय निकाय चुनाव का प्रदेश प्रभारी बना दिया शायद पार्टी को उनके नेतृत्व में पूरे प्रदेश में चमत्कारिक जीत की उम्मीद थी मगर विधानसभा की ही तरह नगरीय निकाय चुनाव में भी अमर अग्रवाल का चुनावी प्रबंधन फेल हो गया । सवाल यह उठता है कि क्या भाजपा की प्रदेश में उल्टी गिनती शूरू हो गई है ?
बात करे भाजपा के एक और विधायक बेलतरा के रजनीश सिह की ये विधायक बनने के पहले जिला भाजपा संग़ठन के अध्यक्ष थे इसके बाद भी बेलतरा अंतर्गत आने वाले 17 वार्डो में इन्होंने ऐसे लोगो को टिकट दिलाई जिनमे अधिकांश का वोटरों से सीधा सम्पर्क था ही नही । नतीजन सिर्फ 5 वार्डो में ही भाजपा जीत पाई । राजकिशोर नगर वार्ड 51 में रजनीश सिह ने ऐसे व्यक्ति को पार्षद प्रत्याशी बनाया जो चुनाव परिणाम में जीत तो दूर 3रे नम्बर रहा । इसी वार्ड में प्रदेश के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत की जिद के कारण जिस युवक को टिकट काँग्रेस ने दी वह भी चुनाव हार गया । इस वार्ड से निर्दलीय श्रीमती संध्या तिवारी करीब 400 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की ।
इस चुनाव में कांग्रेस भाजपा के बड़े नेताओं के वार्डो से भी पार्टी प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा है।सबसे ज्यादा घमासान वार्ड 34 संत रविदास नगर मे था ।जहां भाजपा की टिकट पर पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल के करीबी दुर्गा सोनी मैदान मे थे ।वही विधायक शैलेश पांडेय के करीबी शैलेंद्र जायसवाल चुनाव लड़ रहे थे।कांटे के मुक़ाबले मे आखिर बीजेपी के दुर्गा सोनी ने शैलेंद्र को हराया। मुकाबले का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि फैसला महज 20 वोट से ही हुआ।शहर कॉंग्रेस अध्यक्ष नरेंद्र बोलर वार्ड क्रमांक 33 गांधी नगर से चुनाव
हार गए उन्हें भाजपा प्रत्याशी रंगा नादम ने हरा दिया।इसी तरह वार्ड क्रमांक 57 अशोक नगर से कॉंग्रेस के दिग्गज नेता बसंत शर्मा भी चुनाव हार गए ।हालांकि जिला कॉंग्रेस ग्रामीण के अध्यक्ष विजय केशरवानी वार्ड क्रमांक 52 रवीन्द्र नाथ टेगोर नगर से जरूर जीत गए है ।
इन्ही दोनो के ऊपर निर्भर है महापौर कौन हो
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भाजपा के पूर्व महापौर विनोद सोनी ,सभापति अशोक विधानी ,और राजेश सिंह ने अपने वार्डो से जीत हासिल कर भाजपा की लाज रख ली है ।बीते कई चुनावो से बीजेपी के गढ़ रहे रेल्वे क्षेत्र के दो वार्ड वायरलेस नगर 69 और त्रिपुर सुंदरी नगर जहां से विधान सभा चुनाव में अमर अग्रवाल को बड़ी बढ़त मिलती रही है वहां से पूर्व पार्षद व्ही रामराव की टिकट काटना भाजपा को मंहगा पड़ गया वार्ड 69 और 70 से कॉंग्रेस ने बाजी मार दी है ।भाजपा को अब आगे भी इन वार्डो में दिक्कत होगी ।
मेयर पद के लिए गुटीय लड़ाई तो नही होगी?
कांग्रेस निगम में 35 सीट पाकर बहुमत हासिल तो कर लिया है मगर किस पार्षद को मेयर बनाया जाए इसे लेकर सर्वसम्मति से निर्णय की कोई संभावना नही दिख रही । दिवंगत पार्षद शेख गफ्फार के वार्ड में उप चुनाव होगा इसलिए 69 वार्डो में बहुमत के लिए 35 पार्षद चाहिए और संयोग से कांग्रेस के 35 पार्षद ही है तथा फिलहाल उन्हें निर्दलीय पार्षदो के सहयोग की भी जरूरत नही है मगर विवाद तो इस बात का रहेगा कि महापौर कौन बने । कांग्रेस के नेता क्या पहली बार पार्षद बने दावेदार को ही मेयर बना देगा या फिर अनुभवी तथा निगम की तमाम गतिविधियों से वाकिफ और निगम अमले पर नियंत्रण व तालमेल रख सकने में माहिर कई बार के पार्षद को मौका देगी ?यह प्रश्न अब उठने लगा है । वैसे निगम में पिछड़ा वर्ग से महापौर बनाने की परंपरा रही है । अभी तो 4 जनवरी तक इंतजार ही करना पड़ेगा ।
Thu Dec 26 , 2019
बिलासपुर । केंद्र सरकार देश की ज्वलन्त समस्याओं से लोगो का ध्यान हटाने और विदेशी सरकारों के दबाव में नागरिकता संसोधन कानून को लागू करने आमादा है जो कदापि उचित नही है । संविधान में धर्म को पृथक रखा गया है तथा कोई व्यक्ति चाहे वह कोई भी धर्म या […]