बिलासपुर:प्रदेश में सरकार तो बदल गई लेकिन अधिकारियों के रवैए और नियत में कोई बदलाव नहीं आया है ।यह बात कुछ विभागो द्वारा जारी तबादला आदेश और पदोन्नति आर्डर में पता चलता है पंद्रह दिन पहले जल संसाधन विभाग के सेवानिवृत हुए एक मुख्य अभियंता ने छुट्टी के दिन तबादला आदेश जारी कर चर्चित हो गए उनके दो आदेश के खिलाफ डिप्लोमा अभियंता संघ ने जब तीव्र विरोध किया और धरने की चेतावनी दी तो विभाग के आला अफसर ने एक आदेश को निरस्त कर दिया ।उसके बाद जल संसाधन विभाग द्वारा ही अभी दो दिन पहले पदोन्नति आदेश जारी किया गया जिसमे वरिष्ठ अभियंताओं की सेवा अवधि को दर किनार कर उनसे कनिष्ठ को पदोन्नति दे दी गई । आदेश भी ऐसा कि कार्यपालन अभियंता का प्रभार सहायक यंत्री को सौंपने के साथ ही प्रभारी कार्यपालन अभियंता सहायक अभियंता का काम भी देखेंगे यानि खेल ऐसा कि सहायक अभियंता बिल बनाकर प्रभारी कार्यपालन अभियंता की हैसियत से चेक भी काटेंगे ।इसका मतलब उप अभियंता ,सहायक अभियंता और कार्यपालन अभियंता अच्छी तरह समझते है इसका खुलासा करने की जरूरत नहीं है ।जल संसाधन विभाग में प्रभारवाद की आड में कहीं लंबा खेल तो नही चल रहा ? इसका एक ही उदाहरण देना पर्याप्त है ।
03 माह पहले सब इंजीनियर से असिस्टेंट इंजीनियर के पहले जारी पदोन्नति आदेश में दीपक देव का नाम सरल क्रमांक 81 पर है ।मतलब इसी आदेश के अनुसार 80 वरिष्ठ अभियंताओं की वरिष्ठता (पहले से पदोन्नत वरिष्ठ लोगों को जोड़ेंगे तो लगभग 150 हो जाएँगे) को अधिक्रमित करते हुए दीपक देव को प्रभारी कार्यपालन अभियंता बना दिया गया है ।प्रभार वाद के सौजन्य से Singal window policy लागू अपात्र SDO को SDO के साथ ही प्रभारी E.E. Singal window लागू यानि SDO+E.E. … 02 In 01 ऐसे ही आदेश और भी हो सकते है जिनमे उपकृत करने का उदाहरण मिल सकता है ।