बिलासपुर । सरकार द्वारा रेत खदानों के ठेके देने में नए नियम बनाने और ठेके देने के बाद नियमो का पालन हो रहा है या नही और रेत उत्खनन नियमो के तहत हो रहा है या नही इसे देखने वाला कोई नही है ।हद तो तब हो गई जब पर्यावरण स्वीकृति की तिथि समाप्त हो जाने के बाद भी सरकंडा खदान का ठेकेदार डंके की चोट पर रेत निकाल कर बेच रहा है । रात के अंधेरे में खदान में ट्रकों से रेत ढोया जा रहा है ।
सरकंडा रेत खदान ठेके पर जिस व्यक्ति ने लिया है दरअसल उसके पीछे एक रसूखदार नेता का हाथ है और ठेका वास्तव में उस रसूखदार नेता का है इसी वजह से उस पर हाथ डालने और कार्रवाई करने से खनिज विभाग बचते रहता है ।
जानकारी के मुताबिक सरकंडा के उक्त रेत खदान की पर्यावरण स्वीकति 22 जनवरी को समाप्त हो चुकी है इस लिहाज से उक्त रेत खदान में रेत का उत्खनन दुबारा पर्यावरण स्वीकृति मिलने तक बंद रहने चाहिए मगर रेत ठेकेदार द्वारा दबंगई के साथ रेत उत्खनन कराया जा रहा है । रात को ट्रकों से रेत का परिवहन किया जा रहा है । हालांकि खनिज विभाग ने उक्त खदान से रेत की निकासी बंद करवा दी है मगर अवैध उत्खनन को बंद करवाने कोई कार्रवाई नही की जा रही है और अवैध रेत उत्खनन होने की शिकायत का इंतजार किया जा रहा है ।या फिर सब कुछ जानकर अनजान बनने की कोशिश हो रही है ।इस चक्कर मे शासन को लाखो रूपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है ।रात को उक्त खदान में बड़े पैमाने पर अवैध रेत उतखन्न और परिवहन हो रहा है इस बात का यह सबूत है कि रेत खदान के आसपास के रहवासी रात भर भारी वाहनों की आवाजाही और शोरगुल से परेशान रहते है । हद तो तब हो गई जब इसकी शिकायत कलेक्टर के पास करने के बाद भी कोई कार्रवाई नही हो सकी है ।
प्रशासन और खनिज विभाग के पास शायद इस प्रश्न का कोई जवाब नही है कि पर्यावरण स्वीकृति की तिथि समाप्त हो जाने के बाद किसी रेत खदान से रेत उत्खनन कैसे और क्यो हो सकता है ?जबकि बिना पर्यावरण स्वीकृति के खदान से रेत उत्खनन किय्या ही नही जा सकता ।इस बात को अधिकारी अच्छी तरह जानते है ।हालांकि खनिज विभाग ने पर्यावरण स्वीकृति की तिथि खत्म हो जाने के बाद सरकंडा रेत घाट को बंद कर दिया था मगर यह जानने या निरीक्षण करने की जहमत नही उठाई कि उक्त रेत घाट से ठेकेदार ने रेत उत्खनन बंद किया है कि नही । इसका ठेकेदार और रसूखदार नेता ने पूरा फायदा उठाया । रात भर ट्रकों से रेत की निकासी बेखौफ किया जाने लगा । आखों के सामने जेसीबी एक्सीवेटर और हाइवा की सहायता से लाखों की रेत परिवहन किय्या जा चुका है और प्रशासन कार्रवाई के लिए शिकायत की बाँट जोह रहे है । प्रशासन की इस बेरुखी और ठेकेदार को अवैध रेत खनन के लिए प्रश्रय देने के विरोध में नागरिक आने वाले दिनों में आंदोलन करने का मूड बना लिए है ।