बिलासपुर। विधानसभा चुनाव में हारने और सत्ता खो देने के बाद भी प्रदेश कांग्रेस की स्थिति इसलिए भी बेहतर मानी जा सकती हैं कि भाजपा के हाथ से वर्ष 2o18 में सत्ता जाने के बाद उसके सिर्फ 14 विधायक चुनाव जीत पाए थे जबकि कांग्रेस ने सत्ता खोने के बाद भाजपा से ढाई गुना यानि 35 विधानसभा क्षेत्रो में जीत दर्ज की हैं. रहा सवाल लोकसभा सीटों का तो छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद से ही भाजपा सर्वाधिक 9से 10 सीटों पर जीत दर्ज करते आ रही हैं इसलिए इस सवाल पर कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि छत्तीसगढ़ में आखिर कांग्रेस का प्रदर्शन इतना कमजोर क्यों हैं? हालांकि पार्टी ने विधानसभा और लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के कमजोर प्रदर्शन के कारणों की समीक्षा के लिए कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री वीरप्पा मोइली को जिम्मेदारी देते हुए छत्तीसगढ़ भेजा हैं. श्री मोइली कल राजधानी में और 29 जून को बिलासपुर में समीक्षा बैठक लेंगे। जाहिर हैं बैठके हंगामापूर्ण होंगी और आरोप प्रत्यारोप भी लगेंगे।दरअसल राहुल गाँधी, प्रियंका गाँधी समेत कांग्रेस के अनेक राष्ट्रीय नेता जिस तरह मेहनत कर रहे हैं उसका नतीजा भी चुनावों में दिख रहा हैं. लोकसभा चुनाव में तो बेहतर प्रदर्शन कुछ इस तरह रहा कि भाजपा को बहुमत के लाले पड़ गए और मज़बूरी में गठबंधन की सरकार बनानी पड़ी हैं ऐसे में छत्तीसगढ़ से पार्टी को मनमाफिक रिजल्ट नहीं मिलने से पार्टी हाई कमान की नाराजगी स्वभाविक है.
आखिर ऐसे कैसे हुआ, इसके लिए कौन लोग जिम्मेदार हैं इन प्रश्नों का जवाब तलाशने पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक तथा कर्नाटक के पूर्व सीएम वीरप्पा मोईली कल 28 जून को छत्तीसगढ़ आ रहे है। श्री मोइली लगातार चार दिन तक रायपुर, बिलासपुर और कांकेर में दिन भर कांग्रेस नेताओं और संभव हैँ हारे हुए उम्मीदवारों की बैठक लेंगे और हार के कारणों का पता लगाएंगे। जानकारी के मुताबिक श्री मोइली लगातार बैठकें लेकर और हार के वास्तविक कारणों की जानकारी लेकर 1 जुलाई को रायपुर से दिल्ली लौट जायेंगे।
उल्लेखनीय हैँ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सिर्फ जांजगीर जिले में अच्छी सफलता मिली जहाँ पूर्व विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत का दबदबा हैँ. और इस दबदबे को डॉ महंत ने लोकसभा चुनाव में भी साबित करके दिखा दिया. मप्र और छत्तीसगढ़ के कुल 40 लोकसभा सीटों में एक मात्र कोरबा की सीट को डॉ चरण दास महंत बचाने में सफल रहे हैँ जहाँ उनकी धर्मपत्नी ज्योत्सना महंत ने भाजपा की सरोज पांडे को हरा कर अपनी सीट सुरक्षित रखने में सफल रहीं लेकिन शेष 10 सीटों पर पराजय का सामना करना पड़ा हैँ.। विधानसभा चुनाव में बस्तर में कांग्रेस को उम्मीद से आधी सीटें भी नहीं मिलीं और सरगुजा में पार्टी का सूपड़ा ही साफ हो गया। लोकसभा चुनाव में भी सरगुजा में कांग्रेस लंबे से निपटी, बस्तर की भी दोनों सीटें भी कांग्रेस के हाथ से जाती रही लेकिन कांकेर और बस्तर में बड़ी चूक और गंभीर विवाद की गूंज दिल्ली तक जा पहुंची है। उसी चूक का पता लगाने के लिए वीरप्पा मोइली रायपुर,बिलासपुर और कांकेर में बैठक लेने वाले हैं, जिसमें पार्टी के नेताओं को खुलकर अपनी बात करने का मौका दिया जाएगा। जाहिर हैँ पराजित प्रत्याशी संगठन के पदाधिकारियों और विरोधी गुट के नेताओं पर अपना गुस्सा उतारेंगे. वीरप्पा मोइली कल दोपहर 12 बजे फ्लाइट से बेंगलुरू से रायपुर आएंगे और एयरपोर्ट से सीधे राजीव भवन पहुंचकर दोपहर 1.30 बजे बैठक शुरू कर देंगे, चुंकि सभी प्रमुख नेताओं को बोलने का मौका दिया जायेगा इसलिए बैठक देर रात तक चल सकती है। रायपुर से शनिवार को वीरप्पा बिलासपुर आएंगे और यहाँ कांग्रेस भवन में सुबह 11 बजे बैठक शुरू करेंगे। इस बैठक में बिलासपुर और सरगुजा संभाग के सभी नेता शामिल होंगे । श्री मोइली बिलासपुर से अगले दिन सुबह कांकेर जाएंगे और रविवार को दोपहर 12 बजे कांकेर के राजीव भवन में बैठक लेंगे। रात में कांकेर से रायपुर आएंगे और 1 जुलाई को सुबह 11 बजे से रायपुर में दोबारा बैठक लेंगे। उसी दिन रात 8 बजे वे फ्लाइट से रवाना हो जाएंगे। वीरप्पा मोइली किन विषयों के साथ चार दिन छत्तीसगढ़ में रहेंगे और वापसी के बाद किन किन नेताओं पर कार्रवाई होगी इस बात को लेकर रायपुर से बस्तर तक और बिलासपुर से सरगुजा तक कांग्रेस नेताओं और पार्टी संगठन के पदाधिकारियों के बीच चर्चाएं छिड़ गई हैं। जिस तरह भाजपा अपने विधायकों के निर्वाचन क्षेत्र में विधानसभा चुनाव के बनिस्बत कम बढ़त या हार को लेकर गंभीर हैँ उसी तरह कांग्रेस भी गभीर हो अपने विधायक से सफाई मांग दे तो कांग्रेस के कई विधायकों की टेंशन बढ़ जाएगी.
Thu Jun 27 , 2024
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